Wednesday, April 13, 2011

''अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद के भतीजे गणेश मिश्रा का खौफनाक खुलासा ,'' 'भारत अंग्रेजों के पास 'गिरवी ' है


भारतीय स्वतंत्रता-समर के अप्रतिम योद्धा चंद्रशेखर आजाद जी के भतीजे गणेश जी का कहना है कि सन 1947 में भारत को आजादी मिली ही नहीं थी |उनके अनुसार,कांग्रेस और फिरंगियों में एक करार हुआ था |जिसके तहत, अंग्रेजों ने भारत को ,100 वर्ष के लिए कांग्रेस को 'लीज ' पर दिया है| गणेश जी ने यह दावा अमर उजाला से एक खास बातचीत में किया |दिल्ली के नांगलोई निवासी गणेश मिश्रा ने बताया कि अंग्रेजों से करार के एवज में कांग्रेस धीरे-धीरे भारत का पश्चिमीकरण कर रही है |उनके पास इसके सभी दस्तावेज मौजूद हैं |यह सारे 'सबूत उन्होंने बाबा 'रामदेव 'को सौंप दिए हैं |




गणेश जी ने कहा कि भारतीयों को ''खाओ,पीओ और मौज लो की संस्कृति में ढाला जा रहा है,जिससे उनका मस्तिष्क तार्किक चिंतन न कर सके | उपभोक्तावादी नीति और सोच को बढ़ावा इसी क्रम में दिया जा रहा है |फ़िल्में और टीवी संस्कृति भारतीयों को उनकी जड़ों से काटने का काम कर रही हैं |देश को कर्जदार बनाया जा रहा है |विदेशी उत्पादों ,कंपनियों ,उद्यमियों के नाम पर देश में घुसपैठ कराई जा रही है |

अपने स्वावलंबन ,आत्मनिर्भर होने की दिशा में सोचा ही नहीं जा रहा है |कांग्रेस अपनी इसी सोच के चलते भगत सिंह ,सुखदेव ,राजगुरु आदि की फांसी पर भी मौन बैठी रही वह नहीं चाहती थी कि सच्चे राष्ट्रभक्त जिन्दा रहें ||



मित्रों ,हमें यह ज्ञात ही है कि जब भारत को आजादी प्रदान की गई थी, तो उसी दौर में ''लार्ड माउंटवेटेन ने किसी खास बातचीत में यह कहा था कि, भारत अपनी स्वतंत्रता को सौ वर्षों तक भी कायम नहीं रख पायेगा | दूसरी बात नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के असामयिक मौत की सच्चाई के सन्दर्भ में कांग्रेस के रवैये के परिप्रेक्ष्य में अगर हम इस खुलासे पर विचार करें तो हम पाते हैं कि गणेश जी के दावों में दम हैं |

उन्होंने इस दावे से सम्बंधित दस्तावेजों को राम देव बाबा को सौंप दिया है |अब बाबा के अगले कदम से इस खुलासे की पुष्टि होगी | यदि गणेश जी का यह आरोप सही है तो कांग्रेस पार्टी का यह अपराध अक्षम्य है |

Ravi Kasana
Btech & MBA
VILL & PO-JAwli,GHZ
ravikasana_1984@yahoo.com
mob-9716016510

Tuesday, April 12, 2011

baba ji singing teri duniya se dur... ..what a Great Singer

http://youtu.be/KVtEmwOlby8


baba ji singing teri duniya se dur... ..what a Great Singer

दिल्ली : गांव, गोत्र, गुर्जर की कहानी

http://www.ndtv.com/video/player/ravish-ki-report/video-story/150460

दिल्ली के 360 गांवों की कहानी जहां मिलेगा आधुनिकता बनाम परंपरा का टकराव। कैसे आइए देखें रवीश की रिपोर्ट..

मुझे ना कहो बेशर्म,


1)मुझे ना कहो बेशर्म,
चमचागिरी हे मेरा धर्म,
बिना रीढ़ का हूँ में बन्दा,
मेडम के कहने से करता धंधा ,
कुर्सी मुझे हे बहुत प्यारी ,
...भाड़ में गई इमानदारी.


2)नैतिकता...?
भ्रष्टाचार...?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह....?
कांग्रेस...?
लोकतंत्र...?
...भारत...?

"एकमात्र उत्तर - सोनिया गांधी को भारत से निकाल बाहर किया जाये" - क्या आप सहमत हैं...?

3)भ्रस्टाचार में आकंठ डूबी यह सरकार देश के माथे पर बदनुमा दाग है, कलंक है, विकिलीक्स के हालिया खुलासों ने देश के सम्मान को चौराहे पर ला खड़ा किया है| रिश्वत के बल बार बनी और बची इस सरकार को अब एक क्षण भी बने रहने का अधिकार नहीं है

छु लेने दो नाजुक पैरों को , कुछ और नहीं लगाम हैं ये


छु लेने दो नाजुक पैरों को , कुछ और नहीं लगाम हैं ये

SAVE TREE AND MAKE INDIA GREENER

Kudrat se kyon khel raha Ei nadaan Insaan,
Kudrat se hi hoga is dharti ka kalyaan,
daulat ke lalach mein ped kyon kaat dale,
is dharti ko kar diya ragistan ke hawaale,
Banjar dharti ho gayee, sukhe khet khalihaan,
Faslein sari nasht hui, Gamgeen hai kisaan,
Nadiyan saari sookh gayi, pani ka nahi namo-nishan,
Hariyali ko taras na jaaye kahin apna Hindustaan,
Aao sab mil kar ek ek ped lagaayen,
Ek hara-bhara khushhaal Hindustaan banaayen
SAVE TREE AND MAKE INDIA GREENER

लाठी एक लाभ अनेक


मित्रों जिसकी लाठी उसकी भेंस की कहावत बड़ी ही आम है, किसी जमाने में इस कहावत का उदभव लाठी का प्रयोग कर किसी की भेंस हांक ले जाने के परिणामस्वरूप ही हुआ होगा और कालांतर में लाठी अपने इन्ही गुणों के कारण शक्ति का प्रतिक बन गई, , लाठी अगर हाथ में हो तो अगला आदमी आपसे विनम्र व्यवहार करता है, लाठी सदभावना की प्रतिक है लाठी हाथ में हो तो आपके सभी दुर्गुण भी सदगुणों में परिवर्तित हो जाते हैं, हाथ में लाठी हो तो अगला इन्सान आपको बड़ी श्रद्धा और आत्मीयता से देखता है अगर आप उसे कोई कार्य करने को कहें तो वो फ़ौरन से पेश्तर करता है, लाठी धारकों के आदेश की अवहेलना कोई नहीं कर सकता, लाठी धारक सामर्थ्यवान होता है और इसी कारण वो समस्त दोषों से मुक्त रहता है, तभी तो तुलसीदास जी ने कहा था ''समरथ को नहीं दोष गुसाई'' लाठी हाथ में आते ही किसी भी व्यक्ति में साहस और शक्ति के संचार में आशातीत वृद्धी हो जाती है वह स्वयं को सक्षम और सबल महसूस करने लग जाता है और यही विश्वास आत्मनिर्भरता का प्रतिक है, लाठी हाथ में हो और तेवर जीवन में कुछ कर गुजरने के हो तो किसी भी व्यवसाय को बिना पूंजी के ही तुरंत शुरू किया जा सकता है, मेरे पड़ोस के भीमराज जी के मंजले लड़के ने तो हाथ में लाठी लेकर बनिए की डूबत उगाही का कार्य आरंभ क्या तो इतनी सफलता साथ लगी की कुछ सालों में उनकी स्वयं की फाइनेस कम्पनी खड़ी हो गई, वे इस सफलता का पूरा श्रेय केवल और केवल लाठी को देते हैं,

लाठी धारकों का शुमार मोतबिरों में हो जाता है , वो अघोषित पंच सरपंच हो जाते हैं , लाठी हाथ में हो तो आप असफल नही हो सकते, लाठी हाथ में हो तो कुत्ता भी नहीं काट सकता, लाठी में बहूत गुण हैं, लाठी मानव का पुरातन और बुनियादी हथियार है, लाठी बलवानों, पहलवानों, और लठेतों की शोभा रही हैं जिनकी सामाजिक परिवर्तन में बहूत मुख्य भूमिका रही हैं, गाँधी जी ने भी इन्ही गुणों के कारण ही लाठी को जीवनपर्यंत के लिए अपना हमसफ़र बनाया था, लाठी धारक जन्मजात नेतृत्वकर्ता लगता है,उसके नेतृत्व का सभी लोहा मानते हैं, एक बार की सहारा देने से आपकी ओलादें धोखा दे दे , पर लाठी सहारा देने के मामले में धोखा नहीं दे सकती शायद इसी लिए राजस्थान सरकार ने तो लाठी धारक वृद्धों को भी विकलांग का दर्जा देने की घोषणा की है, इस आदेश के बाद सरकारी लाभ लेने के लिए कई वृद्धजन जो बिना लाठी के भी चलफिर सकते हैं वे लाठियां थाम लेंगे, सरकार का ये आदेश लाठी के बाज़ार में फिर तेजी ले आएगा,

मेने कई लाठी धारकों के पास बड़ी ही सुन्दर लाठिया देखी है, मेरे मिलने वाले एक लाठीधारक अपनी प्रिय लाठी के रखरखाव पर काफी खर्चा करते हैं, वे समय समय पर उसे तेल पिलाते हैं, और उसे कई रेशमी धागों से सजा कर रखते हैं, उन्होंने अपनी लाठी को लोहे के छल्ले भी पहना रखे हैं, उनका कहना है की इससे प्रतिध्वन्धी में सदेव भय व्याप्त रहता है, वो हमेशा इस भय से थर्राया रहता है की कहीं लाठी मेरे सिर को तरबूज की भांति नहीं फोड़ दे, इस कारण वो सदेव लाठी धारक के प्रति श्रद्धा का भाव लिए रहता है, तो मित्रों लाठी के इन गुणों के बारे में जितना लिखा जाये कम है, और में सोच रहा हूँ की एक अदद लाठी में भी खरीद लूँ, पर मेरे मन एक बात और आ रही है लाठी तो 20

-30 रूपये में आ जाएगी पर अभी तक लाठी को चलाने के लिए जिस होंसले की दरकार होती है वो दुकान अभी दुनिया में नहीं खुली है, ये सोच कर मेने लाठी के लाख गुणों के बावजूद भी उसे खरीदने का इरादा त्याग दिया, किसी मित्र में ये क्षमता हो तो इसमें लाभ ही लाभ है,

होना था जिनको हवालात में

होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!
लुटेरे-बेईमान
राज़ कर रहे,
देश के शुभ-चिन्तक
भूखे मर रहे,
घोड़ा बन कर
देश का रथ
आगे ले जाना था जिनको.....,
''गधे'' बन कर वो ही
इस देश को चर रहे !!
बेटों को बाप से
कुर्सी मिल रही
सौगात में !
होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!
खूब खा लिया
और ना जाने
कितना खायेंगे..,
सोने की चिड़िया को
और कितना
लूटेंगे,लुट्वायेंगे...!!
होंगे कैसे फेसले
जब 'चोर' ही
अदालत चलाएंगे !!
कर्तव्य टाँगे
खूंटी पर,
अधिकार ले लिए
हाथ में !
होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!