Wednesday, March 30, 2011

Gujjars now come up with ban on jeans & mobiles for girls

The Gujjar community took a leaf out of the Taliban’s book, banning jeans and mobile phones for girls at a panchayat in Saharanpur on Saturday night. Community members from 52 villages of Uttar Pradesh and Haryana assembled near Vijay Singh Pathik Girls’ School and announced that girls would henceforth be forbidden from wearing jeans and using mobile phones. However, in all likelihood, the powerful panchayat will face stiff opposition from the clan’s girls who have liberated themselves from what they dub as “ narrow mindedness”.

It was decided at the panchayat that those who defy the latest self- formulated law of the community would be punished. Sources revealed that the Gujjars had decided to first issue a warning to the parents of girls of the community who were seen in jeans or with cellphones. If they don’t obey the command, the elders of the community would ostracise the family to mount pressure on them to fall in line.

“ No members of the public were intimated about the meeting. They convened the panchayat after a door- todoor consultation with senior members of the community in the two states.

Nothing else was discussed. Some members didn’t agree with the final decision, but they remained a silent minority,” a panchayat member said.

Yashpal Singh, a senior member of the community in Saharanpur, confirmed that a ban had been enforced on girls wearing jeans and using mobile phones. “ We believe jeans and mobile phones are making our girls immoral. So we finally took a decision. We know that a few members of the community may oppose the decision. But we also know how to make them follow instructions,” Singh said in a threatening tone.

But Rani Gujjar, an undergraduate student of Saharanpur openly criticised the panchayat edict. “ There is nothing wrong or vulgar about jeans. They cover our body. And a mobile phone is a must. It helps us stay in touch with our parents.

It also enables us to send an SOS to them when we are in trouble.” Making it clear that she wouldn’t be cowed, Rani added: “ I am not going to pay attention to such dictatorial orders. If my parents don’t object to my wearing jeans or carrying a cellphone, who are these people to control our lives?” The sentiment was, however, not the same across the board.

Namrata, another Gujjar student of Saharanpur, was somewhat submissive. “ It is alright with me. I will not wear jeans if they don’t like it. But limited use of mobile phones should be permitted,” she said.

Gujjars are known to be a tribe which strictly adheres to old traditions and customs. For instance, child marriages are still rampant among them. Earlier in the year, a khap panchayat or self- styled caste council in Muzaffarnagar banned girls from wearing jeans. The decision was endorsed by the heads of other such councils, who said the ban was necessary for preventing young couples in their villages from eloping.

In 2009, colleges in Kanpur prohibited girl students from wearing jeans and other western clothes. Their rationale: this would halt sexual harassment by male classmates.

Tuesday, March 29, 2011

लड़कियों ने जींस पहना तो अंजाम ठीक नहीं होगा' - the Gujjars,girls can not wear jeans ,mobile ban -

उत्तरप्रदेश व हरियाणा के गुर्जरों ने लड़कियों के जींस पहनने व मोबाइल फोन रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार की रात सहारनपुर के विजय सिंह पथिक कन्या विद्यालय में हरियाणा व उत्तरप्रदेश के 52 गांवों की गुर्जर पंचायतें जमा हुईं।

Dukh din bite re Bhaiya

याद रखे ,रात के अंतिम प्रहर में ही सबसे ज्यादा अंधकार होता हँ !इस अंधकार से घबराए नहीं ,विश्वाश रंखे कि सवेरा होने ही वाला हँ ! आपके जीवन में भी सवेरे कि भूमिका बन रही हँ. खुशियाँ कि चिड़िया चहकने वाली हँ ! थोडा इंतज़ार और कर ले ! ज्ञान के साथ-साथ आनंद की मौज भी ले सकते हँ !बस इतना ध्यान रखे कि सब कुछ अच्छा -अच्छा ही नहीं होता, खासतौर पर, जब नींद न आये तब !

Ravi Kasana
vill & Po- jawli ,Ghz
ravikasana_1984@yahoo.com

Tribute To Kissaan Neta Late Shri Rajesh Pilot JI

Tribute To Kissaan Neta Late Shri Rajesh Pilot JI
Kissaan Neta Late Shri Rajesh Pilot ji,

”Neta Hamara Mahan Tha, Bharat Ka Kisaan Tha”
” Neta Nahi Fakir Tha, Bharat Ka Taqdeer Tha”

गुर्जर जाती उज्वल कर दी, रहा रात दिन नाम तेरा
परलय तक भी अमर रहेगा, राजेश पायलट नाम तेरा !
बार बार परनाम करू ,जो जननी माई होगी
दन्यवाद उन गुरुओ का जहाँ, जहाँ सिक्षा पाई होगी !
गुर्जर जाति जग जाये ,तेरे मन में छायी होगी
जगह जगह परचार करू, तेरे मन में आई होगी !
बिना एक के रही भटकती, गुर्जर कोम हमारी
पड भरी परभाव गया जब हुई आरक्षण कि तयारी!

मेहनत का फल मिलाकर मेहनत फ़ैल नहीं होती
इश्वर कि आधीन बात,कोई अपने हाथ नहीं होती !
भारत देश उजाड़ जाता, जो गुर्जर कोम नहीं होती
होती ना विख्यात कोम ये सारा काम तेरा ह
पर्लाये तक भी अमर रहेगा,राजेश पायलट नाम तेरा……
जय हिंद, जय गुर्जर,

Ravi Kasana
vill & po- Jawli,GHz
ravikasana_1984@yahoo.com

Lal Bahadur Shastri ji truly deserves to be Father of Nation

Dosto Manmohan singh ji, Is a man who hav more qualification & expereince but he do not know how to implement the said knowledge into the practicals.. P.M. Of No USe !

Dosto I wanna just say Desh Ka Bedagarh Gandhi Parivaar ne kiya han ..Mahatama Gandhi se lekar RAhul Gandhi Tak sab ne Bharat varsh ko lootke KHaya han nothing more...Inka Paisa Desh mein Nahi Swiss Banko mein PAdha han,..yahin karan han BHagwaan inko inke Kiye ki Saza Deta Aaya han... Indira Gandhi Ne HUmara Mahan Vyaktitav Wale Mahan Purush "Late Shri Lal Bahadur Shastri Ji "JAise Uchch vicharo wale Neta Ko Bhi NAhi Baksha Or Pradhanmantri banney ki chaha mein inhe Bhi Marwa Diya......

If Friends U wanna Praise THen u shud Praise One Prime Minister That Truly Deserves Ur Love & affection & that was our "SHastri JI" ,....This Legendary Man Truly Deserves the Title "Father Of The Nation" & no one else..!
Yahan Mujhe Kisi Mahan KAvi Ki Ek Kavita Yaad aa rahi han Jo Yahan per sateek Bethti han-

"Unki Turbat Per Nahin Han Ek Bhi Diya,
Jinke khoon se Jalte the Chirage Vatan!
Jagmaga Rahe Han Makbare Unke,
Becha Karte The Jo Saheedo ke Kafan" !!

Ravi Kasana
vill & po-Jawli,GHz
ravikasana_1984@yahoo.com
9716016510

ईश्वरचंद्र विद्यासागर

एक बालक नित्य
विद्यालय पढ़ने
जाता था। घर में
उसकी माता थी।
माँ अपने बेटे पर
प्राण न्योछावर किए
रहती थी, उसकी हर
माँग पूरी करने में
आनंद का अनुभव करती।
पुत्र भी पढ़ने -
लिखने में बड़ा तेज़
और परिश्रमी था। खेल
के समय खेलता , लेकिन
पढ़ने के समय
का ध्यान रखता।
एक दिन दरवाज़े पर
किसी ने - 'माई! ओ माई!'
पुकारते हुए आवाज़
लगाई तो बालक हाथ
में पुस्तक पकड़े
हुए द्वार पर गया ,
देखा कि एक फटेहाल
बुढ़िया काँपते हाथ
फैलाए खड़ी थी।
उसने कहा, 'बेटा! कुछ
भीख दे दे।'
बुढ़िया के मुँह से
बेटा सुनकर वह भावुक
हो गया और माँ से आकर
कहने लगा , 'माँ! एक
बेचारी गरीब
माँ मुझे बेटा कहकर
कुछ माँग रही है। '
उस समय घर में कुछ
खाने की चीज़
थी नहीं , इसलिए
माँ ने कहा, 'बेटा!
रोटी-भात तो कुछ
बचा नहीं है, चाहे
तो चावल दे दो।'
पर बालक ने हठ करते
हुए कहा - 'माँ! चावल
से क्या होगा? तुम
जो अपने हाथ में
सोने का कंगन पहने
हो , वही दे दो न उस
बेचारी को। मैं जब
बड़ा होकर
कमाऊँगा तो तुम्हें
दो कंगन बनवा दूँगा।'
माँ ने बालक का मन
रखने के लिए सच में
ही सोने का अपना वह
कंगन कलाई से
उतारा और कहा , 'लो, दे
दो।'
बालक खुशी-खुशी वह
कंगन उस भिखारिन
को दे आया। भिखारिन
को तो मानो एक
ख़ज़ाना ही मिल गया।
कंगन बेचकर उसने
परिवार के बच्चों के
लिए अनाज, कपड़े
आदि जुटा लिए।
उसका पति अंधा था।
उधर वह बालक पढ़ -
लिखकर बड़ा विद्वान
हुआ , काफ़ी नाम
कमाया।
एक दिन वह माँ से
बोला , 'माँ! तुम अपने
हाथ का नाप दे दो,
मैं कंगन बनवा दूँ।'
उसे बचपन
का अपना वचन याद था।
पर माता ने कहा ,
'उसकी चिंता छोड़।
मैं
इतनी बूढ़ी हो गई
हूँ कि अब मुझे कंगन
शोभा नहीं देंगे।
हाँ , कलकत्ते के
तमाम ग़रीब बालक
विद्यालय और
चिकित्सा के लिए
मारे -मारे फिरते
हैं, उनके लिए तू एक
विद्यालय और एक
चिकित्सालय
खुलवा दे
जहाँ निशुल्क पढ़ाई
और
चिकित्सा की व्यवस्था हो।'
माँ के उस पुत्र
का नाम ईश्वरचंद्र
विद्यासागर

क्या टूथपेस्ट में सचमुच नमक है ??

क्या टूथपेस्ट में सचमुच नमक है ???

हमारे देश के नालायक नेताओ !
तुम किसी काम के नहीं हो...........
महंगाई डायन तुम्हें खाती नहीं है,
गरमी से भी जान जाती नहीं है,
रेल हादसे तुम्हारा कुछ बिगाड़ नहीं पाते,
नक्सलवादी भी एक बाल उखाड़ नहीं पाते,
बाढ़ का पानी तुम्हारे घर में आता नहीं है,
स्वाइन फ्लू का भी तुम से नाता नहीं है,
प्रजा रो रही है पर तुम्हारी आँखें नम नहीं हैं,
क्योंकि इन हालात का तुम्हें कोई ग़म नहीं है,
तुम्हारे चेहरे पे लावण्य और दान्तों में चमक है,
लगता है तुम्हारे टूथपेस्ट में सचमुच नमक है !

एक बार की बात है

एक बार की बात है
ब्रह्मा जी मनुष्‍यों की हरकातों से
काफी परेशान थे और एक
दिन उन्‍होनें अपनी इस
समयस्‍या के निराकरण के
लियें देवाताओं की एक
बैठक बुलाई और
अपनी समस्‍या रखते हुऐ
कहा कि मै
मनुष्‍यों की रचना कर के
मुसीबत मे पड़ गया हूँ।
यह जाति हर समय शिकायत
करती रहती है। मै न
तो चैंन से सो सकता हूँ
न कि चैन से किसी स्‍थान
पर रह सकता हूँ। इसलिये
मै किसी ऐसे गुप्‍त
स्‍थान पर
जाना चाहता हूँ
जहाँ मनुष्‍यों की पहुँच
न हो।
ब्रह्मदेव की भावनाओं
का समादर करते हुऐ एक
देव ने निवेदन
किया कि आप हिमालय पर
गौरीशंकर की चोटी पर
चले जायें। इस पर
ब्रह्मा जी ने
कहा कि वहाँ भी मुझे
चैन नही मिलेगा उस
स्‍थान पर भी तेन सिंह
नोर्क और एडमंड
हिलेरी आदि पहुँच चुके
है।
किसी अन्‍य देवता ने
सलाह दिया कि आप
प्रशान्‍त महासागर मे
चले जाइये तो किसी ने
कहा कि चन्द्रमा पर
तो ब्रह्मदेव ने
कहॉं कि वैज्ञानिक
वहॉं भी पहुँच गये है।
फिर किसी ने
कहा कि अन्‍तरिक्ष मे
चले जाये तो फिर
ब्रह्मदेव बोले अगले 6
माह तक
सुनीता वहॉं निवास
करेंगी।
तभी देवताओं
कि पक्तिं मे सबसे
बुर्जुग आदमी ने
कहा कि आप मनुष्‍य के
हृदय मे बैठ जाइये।
ब्रह्मा जी को अनुभवी की बात
जॅच गई और सलाह मान
लिया उस दिन से मनुष्‍य
शिकायत के लिये ब्रह्म
देव को यहॉं वहॉं सब
जगह खोजता फिर रहा है
किन्‍तु ब्रह्म देव
नही मिल रहे है
क्‍योकि व्‍यक्ति अपने
अन्‍दर ब्रह्मदेव
को नही पुकार रहा है।
उस दिन से
ब्रह्मा जी चैन
की बंशी बजा रहे है।

Unity Is Strength

एक समय की बात है, जब ताऊ जवान हुआ करता था,ताऊ घर पर सोया था, ओर उधर नहर
वाले खेत के पास से तीन अजनबी लोग गुजर रहे थे, दोपहर का समय था, ओर आसपास
भी कोई नही था,अब तीनो ने सोचा चलो खेत मे चने लगे हे, ओर आसपास भी कॊई
नही, ओर हमे भूख भी लगी हे, तो चने खाये जाये, यह तीनो लोग मे से एक
ब्राह्मण था, एक क्षत्रिय था, ओर एक नाई, बहुत सोच समझ के बाद तीनो ने चने
उखाडे ओर वही बेठ के खाने लगे.

ताऊ घर मे बेठा मक्खी मार रहा था,
तभी ताई ने कहा जा जरा खेतो मे देख आ कोई जानवार ना घुस गया हो, बात ताऊ के
दिमाग मे आगई, ताऊ लठ्ठ ले कर खेतो की तरफ़ चल पडा, अब ताऊ ने दुर से देखा
कि तीन लोग चने के पोधे उखाड उखाड कर फ़सल खराब कर रहे है, खाते कम ओर
नुक्सान ज्यादा कर रहे हे, गुस्सा तो ताऊ को बहुत आया, फ़िर ताऊ ने चारो ओर
देखा, आसपास कोई नजर भी नही आया, अब ताऊ ने सोचा कि सीधा जाकर अगर मेने
लडाई की तो यह तीन है, ओर मै अकेला कही यह भारी ना पड जाये, तो फ़िर ताऊ ने
अपनी बुद्धी का प्रयोग किया, केसे??

ताऊ गया उन के पास ओर पहले आदमी
से बोला भाई साहब आप कोन, जबाब मे उस ने कहा मे एक ब्राह्मण हुं, तो ताऊ
बडा खुश हुआ, बोला महा राज आप ने तो मेरा खेत ही पबित्र कर दिया अरे मुझे
हुकम देते मे घर पर छोड आता, खाईये जितना चाहे,ओर हां अगर आप को घर के लिये
भी चाहिये तो मे अपनी बेलगाडी से आप के घर पर चार पांच गठरी चनो की छोड
आऊगां
फ़िर ताऊ दुसरे आदमी के पास गय, ओर बोला भाई सहाब आप कोन? तो उसने
कहा मै क्षत्रिय हुं, इतना सुनते ही ताऊ बोला अरे कुवर जी आप तो हमारे
अन्नदाता है, मेरे कितने अच्छॆ भाग्या है मेरे कुवरं साहब पाधारे आप भी
खाईये जितना चाहे, अगर घर के लिये भी चाहिये तो हुकम मेरे महाराज कुवर
साहव, अब आप खाईयेमै जरा इन से बात कर लू, फ़िर ताऊ तीसरे के पास गये, ओर
बोले भाई साहब आप कोन तो तीसरा आदमी बोला जी मै नाई.

अब ताऊ बोला
नाइ तेरी हिम्मत केसे हुयी मेरे खेत मे घुसने की बोल ससुरे, इन ब्राह्मण ने
चने उखाडे यह हमरे पुजनिया है, हमारे व्याह शादी पर , किसी के मरने पर,
दुख सुख मे हमे कथा सुनाते हे काम आते है, ओर यह कुवर साहब तो हमारी सरकार
है, हमारे राजा, यह भि दुख सुख मे हमारे काम आते है, पर कमीने तु किस काम
का ओर ताऊ नेउस हज्जम को जर्मन लठ्ठ से खुब बजाया,ब्राह्मण ओर क्षत्रिय
दोनो नाई को पिटाता देख कर खुश हो रहे थे, जब ताऊ ने नाई को अच्छी तरह से
बजा दिया तो उसे टागं से पकड कर खेत से बाहर फ़ेंक दिया,फ़िर ताऊ आया उस
क्षत्रिय की तरफ़, ओर बोले क्यो कुवरं जी क्या खेत मेबीज तुम्हारे बाप ने
दिया था, ओर खाद आप ने दादा ने दी थी, बोलो क्षत्रिय बोला नही तो , तौ बोला
ब्राह्मण तो हमारे पुज्निय ठहरे , लेकिन आप ने फ़िर क्यु उखाडे हमारे चने,
हे बोलो ओर फ़िर ताऊ ने अपना लठ्ठ उस क्षत्रिय पर खुब मांजा,क्षत्रिय को
पिटाता देख कर नाई ओर ब्रह्माण बहुत खुश हुये, नाई मन ही मन कह रहा था साले
जब मेरी पिटाई हुयी तो बहुत खुश था अब तु भी पिट, ओर ताऊ ने उसे भी मार
मार के लाल कर दिया, उधर ब्राह्नाण कह रहा था कमीने को ओर मार अपने आप को
कुवरं साहब मान रहा था, तो ताऊ ने उसे भी इतना मारा कि बेचारे से खडा भी ना
हो पाया जा रहा था, ओर उसे भी टांग से पकड कर नाई की बगल मे फ़ेंक दिया.

उधर
क्षत्रिय सोच रहा था अब गाव मे जा कर यह ब्राह्माण हम दोनो की खिली
उडायेगा, देखो नाई ओर क्षत्रिय खुब पिटे, ओर हमे देख देख कर खुश भी हो रहा
था, हे भगवान इस की भि पिटाई करवा,ओर अब ताऊ चले ब्राह्माण की ओर , ओर बोले
पूजनीय जी अब आप की भी पुजा हो जाये तो केसा रहेगा,क्यो मेरे पुजनिया क्या
यह खेत युही तेयार हो जाता है क्या, अरे इस मे बीज डालना पडता है, खाद
डालनी पडती है, फ़िर मेहनत ओर फ़िर इस की हिफ़ाजत करनी पडती है, जब आप पुजा
वगेरा करते हो तो कोई एक पेसा भी कम लेते हो?? बोलो... ओर ताऊ होगया चालू
उस ब्राह्माण कि पुजा करने केलिये., ओर फ़िर ताऊ ने खुब पुजा की उस ब्राहमण
की.....

शिक्षा:...अगर यह तीनो मिल कर रहते तो क्या इन की धुनाई हो
सकती थी?? नही ना तीनो मिल कर एकता से नही रहे ओर बेज्जती ओर पिटाई करवाई,
तो मेरे देश के वासीयो आप भी अपिस मे मत लडे सब मिल कर रहे, ओर मिल कर इन
आतंकवादियो का मुकवला करे , इन गंदे नेताओ का मुंह काला करे इन्हे हटाये,
लेकिन पहले आपस मे लडना बन्द करे , यह सन्देश सब भारत वासियो के लिये है,
चाहे वो हिन्दु है, या मुसल मान,या फ़िर सिख ईसाई. आओ ओर इस विदेशी ताऊ(
हमारे वाला ताऊ नही) से पिटने की व्ज्याए हम सब मिल कर उसे ही पीटे.
कॊइ
गलती हो तो माफ़ करे, यह कहानी मेने कुछ अलग रुप मे कई साल पहले कही सुनी
थी.
धन्यवाद

Aagyakari Aaruni

आरुणी ऋषि अरुणी का पुत्र था। ऋषि धौम्य के आश्रम में वह कृषिविज्ञान और पशुपालन से
संबंधित विषयों का अध्ययन कर रहा था।

आरुणी ने देखा कि आश्रम की जमीन
ऊबड़-खाबड़ होने से वर्षाकाल में जमीन से बहते पानी के साथ बहुत सी मिट्टी भी बह जाती
है। इससे इस जमीन से अधिक पैदावार नहीं मिल पाती। उसने अपने गुरु से इसकी चर्चा की।
ऋषि धौम्य ने अपने शिष्य को सलाह दी कि वह जमीन को समतल करे और पानी के बहाव को
रोकने के लिए जमीन को एक बंध से घेर दे। आरुणी पूरे उत्साह से इस काम में लग गया और
कुछ ही समय में उसे पूरा कर दिया।

जब बारिश आई तो ऋषि धौम्य ने आरुणी से
कहा, "वत्स, वर्षा आरंभ हो गई है। मैं चाहता हूं कि तुम जाकर देख आओ कि जमीन के
चारों ओर का बंध सही-सलामत है कि नहीं। यदि वह कहीं पर से टूटा हो तो उसकी मरम्मत
कर दो।"

गुरु की आज्ञा शिरोधार्य मानते हुए आरुणी खेतों का मुआयना करने निकल
पड़ा। एक जगह बंध सचमुच टूटा हुआ था और वर्षा का पानी वहां से बह रहा था। बहते पानी
के वेग से बंध का और हिस्सा भी टूटने लगा था। आरुणी ने देखा कि यदि जल्द ही कुछ न
किया गया तो पूरे बंध के ही बह जाने का खतरा है। उसने आसपास की मिट्टी से बंध में
पड़ी दरार को भरने की कोशिश की, पर जब इससे कुछ फायदा नहीं हुआ, तो वह स्वयं ही दरार
के आगे लेट गया। उसके शरीर के दरार से लग जाने से पानी का बहना तो बंद हो गया, पर
सारा कीचड़ उसके शरीर से चिपकने लगा। लेकिन आरुणी ने इसकी कोई परवाह नहीं
की।

बहुत समय बीतने पर भी जब आरुणी आश्रम नहीं लौटा तो ऋषि धौम्य को चिंता
होने लगी। बरसात के रहते हुए भी कुछ शिष्यों को साथ लेकर वे आरुणी की खोज में निकल
पड़े।

आरुणी को कीचड़ से लथपथ जमीन पर लेटे देखकर वे दंग रह गए। पर उन्हें
सारी बात समझने में देर नहीं लगी। उन्होंने आरुणी को गले से लगा लिया और उसकी
प्रशंसा करते हुए बोले, "मैं तुम्हारे साहस और कर्तव्यनिष्ठा से बहुत प्रसन्न हूं।
तुमने अपनी जान की बाजी लगाकर तुम्हें सौंपा गया काम पूरा किया। ऐसी बहादुरी इस
दुनिया में बिरले ही देखने को मिलती है।


Ravi Kasana
vill & po- Jawli,Ghz
ravikasana_1984@yahoo.com

Sardar Patel

Sardar Patel
विश्व एवं देश की वर्तमान विषम परिस्तिथियों को देखते हुए आज देश की राजनैतिक शक्तियों को लौह पुरुष सरदार पटेल के चरित्र एवं कर्त्तव्य निष्ठ जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. जिससे हमारा देश विश्व मे एक निर्णायक शक्ति बन कर एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके. देश के नेता अपनी कुर्सी और अपनी पार्टी से ऊपर उठ कर देश के हित मे निर्णय लेने की हिम्मत एवं क्षमता दिखाएँ.
लौह पुरुष सरदार पटेल के जनम दिवस 31 October को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप मे मनाएं.

क्या हम अपने अंदर का, रावण मार सके हैं?.

हर साल दशहरे पर हम, रावण का पुतला है जलाते,
राम की बताई राह चलेंगे, सौ सौ बार कसम है खाते..........
राम लीला के आदर्श, क्या जीवन मैं हम उतार सके है?
क्या हम अपने, अंदर का रावण मार सके हैं?........
हममे कितनी सीतायें, राम के साथ वन गमन करेंगी,
राजसी सुख त्याग कर, काँटों का जा वरण करेंगी.........
हम सभी ढूंढते निज पत्नी मैं, पावनता गीता की,
पर हम मैं कितने राम हैं जो, उम्मीद करें सीता की......
परनारी तकने के भाव को, हम खुद मैं से क्या निकार सके हैं?
क्या हम अपने अंदर का, रावण मार सके हैं?........
जब भी भक्ति की बात है चलती, हनुमत सबको याद हैं आते,
असम्भव को भी सम्भव करते, अपना सीना चीर दिखाते,
प्रभु भक्ति की बात करो मत, पर राष्ट्र भक्ति हम कितनी दिखाते,
सत्ता जिनके हाथ मैं है, वही देश को बेच के खाते ...........
सत्ता और दौलत के मदमस्तों का, हम अब तक क्या उखार सके हैं,
क्या हम अपने अंदर का, रावण मार सके हैं?........
लछमण और भारत से भाई, आज यहाँ कितनो के हैं,
कैकई से दुश्मन यहाँ पर, आज बहुत अपनों के हैं,
बात चली तो बात से ही, प्रश्न यहाँ पर उठते अनेक,
लछमण, भारत सभी चाहते हैं, पर खुद मैं ढूंढे राम ना एक.........
हममे खुद बाली, बहुतों के मन मैं, उसका क्या बिगार सके हैं,
क्या हम अपने अंदर का, रावण मार सके हैं?.....


Ravi Kasana
vill & po-Jawli ghz.
ravikasana_1984@yahoo.com

भगवान की प्रतिज्ञा

भगवान की प्रतिज्ञा
तू वही करता है जो तू चाहता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ....!
तू वही कर जो मैं चाहता हूँ, फिर देख वही होगा जो तू चाहता है....!!
-भगवान

हिंदुस्तान का बाज़ार

हिंदुस्तान का बाज़ार
नाम बिक रहा है , मान बिक रहा है
कौड़ियो के भाव इंसाने बिक रहा है
आज कैसा जमाना आ गया है दोस्तों
विधि के हाथो विधान बिक रहा है

नादान बिक रहा है , हैवान बिक रहा है
u.p, mp, बंगाल , राजस्थान बिक रहा है
इन संतरियो के हाथो , मंत्रियों के हाथो
दलालों की मंदी में हिंदुस्तान बिक रहा है

हिन्दू बिक रहा है , मुसलमान बिक रहा है
और तो और खुद भगवान बिक रहा है
और ऐसे बिक रहा है , जैसे बाजार में
खुलेआम सडको पर सामान बिक रहा है

बुद्धि बिक रही है , ईमान बिक रहा है
शिक्षा के मन्दिरों में ज्ञान बिक रहा है
अब तो हालत हो गए है ऐसे की
परीक्षा से पहले परिणाम बिक रहा है

मीडिया बिक रही है , प्रशाशन बिक रहा है
न्यायधिशो के हाथो फरमान बिक रहा है
लोकतंत्र की दीवारे क्यों लगी है टूटने

Ravi Kasana
vill & Po- Jawli,Ghaziabad
ravikasana_1984@yahoo.com

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ

तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे ,
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे

हम है अकेले , हम है अधूरे ,
तेरी शरण हम हमें प्यार दे माँ ...हे शारदे माँ....

मुनियों ने समझी , गुनियों ने जानी ,
वेदोंकी भाषा , पुराणों की बानी

हम भी तो समझे , हम भी तो जाने ,
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ...हे शारदे माँ...

तू श्वेतवर्णी कमल पे विराजे ,
हाथों में वीणा , मुकुट सरपे साजे

मनसे हमारे मिटाके अँधेरे ,
हमको उजालों का संसार दे माँ ...हे शारदे माँ....

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ .

अज्ञानता से हमें तारदे माँ

Go Raksha

go raksha
Manas sunder kand, vibhisan - ravan samvad; vibhisan ravan ko bata rahe hai ki ram kaun hai aur kyon parabhu prithavi par aaye hai.

गो द्विज धेनु देव हितकारी। कृपा सिंधु मानुष तनुधारी॥
जन रंजन भंजन खल ब्राता। बेद धर्म रच्छक सुनु भ्राता॥2॥

भावार्थ:-उन कृपा के समुद्र भगवान्‌ ने पृथ्वी, ब्राह्मण, गो और देवताओं का हित करने के लिए ही मनुष्य शरीर धारण किया है। हे भाई! सुनिए, वे सेवकों को आनंद देने वाले, दुष्टों के समूह का नाश करने वाले और वेद तथा धर्म की रक्षा करने वाले हैं

aur mere krishna ka to naam hi gopal hai, gobind hai... lala to gow ki sewa ko aapna dharam mante hai, kyon ki go k doodh se makhan banta hai wahi to prabhu ko sabse pyara hai..

aur bhole baba ka bhi to go k doodh se abhishek karne se baba ati prasan ho jate hai.. aur baba ki to sawar bhi nandi maharaj hai..

aur hum par to gow mata ka doodh ka rin hai, doodh ka rin nhi utara ja sakta par hum aapni gow mata k sewa kar k go mata k rin k bhar ko kam kar sakte hai, unki raksha kar k prabhu ram aur krishna ke kam mai aapna sahyog de sakte hai..

aur agar kuch nahi to aapne manokamana puran karne k liye go ki sewa kar sakte hai, kyon ki gow sewa prabhu ki sewa karne k barabar hai aur jab " Jagat Maduri deta hai to phir kyon rakhe bhagwan" bhai jab ye sansar jiske pass kuch nahi hai wo bhi kaam karne par salary deta hai to Phir mere ram jo jagat k sawami hai, rajao k raja hai unka kaam karne par kya wo aapko salary nhi denge" vichar kare ram ki salary iss duniya ki salary jaisi nhi ki aaj aayi aur mahina katam to katam.. ram ki salary aati hai to jeewan bhar nhi balki jeewan k baad bhi aapko amar kar jati hai.

Issliye hum sab ko prabhu ram k kaam mai, unke gow sewa aur go raksha k uddesh mai sahyog karna chahiye..

hare krishna

हनुमान जी की विनयशीलता

भगवान श्रीराम वनवास काल के दौरान संकट में हनुमान जी द्वारा की गई अनूठी सहायता से अभिभूत थे। एक दिन उन्होंने कहा, ‘हे हनुमान, संकट के समय तुमने मेरी जो सहायता की, मैं उसे याद कर गदगद हो उठा हूं। सीता जी का पता लगाने का दुष्कर कार्य तुम्हारे बिना असंभव था। लंका जलाकर तुमने रावण का अहंकार चूर-चूर किया, वह कार्य अनूठा था। घायल लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए यदि तुम संजीवनी बूटी न लाते, तो न जाने क्या होता?’ तमाम बातों का वर्णन करके श्रीराम ने कहा, ‘तेरे समान उपकारी सुर, नर, मुनि कोई भी शरीरधारी नहीं है। मैंने मन में खूब विचार कर देख लिया, मैं तुमसे उॠण नहीं हो सकता।’

सीता जी ने कहा, ‘तीनों लोकों में कोई ऐसी वस्तु नहीं है, जो हनुमान जी को उनके उपकारों के बदले में दी जा सके।’

श्रीराम ने पुन: जैसे ही कहा, ‘हनुमान, तुम स्वयं बताओ कि मैं तुम्हारे अनंत उपकारों के बदले क्या दूं, जिससे मैं ॠण मुक्त हो सकूं।’

श्री हनुमान जी ने हर्षित होकर, प्रेम में व्याकुल होकर कहा, ‘भगवन, मेरी रक्षा कीजिए- मेरी रक्षा कीजिए, अभिमान रूपी शत्रु कहीं मेरे तमाम सत्कर्मों को नष्ट नहीं कर डाले। प्रशंसा ऐसा दुर्गुण है, जो अभिमान पैदा कर तमाम संचित पुण्यों को नष्ट कर डालता है।’ कहते-कहते वह श्रीराम जी के चरणों में लोट गए। हनुमान जी की विनयशीलता देखकर सभी हतप्रभ हो उठे।

प्रधानमन्त्री जी नमस्ते

प्रधानमन्त्री जी नमस्ते
हमारे हाथ में खाली कटोरा
आपकी प्लेट में काजू, बादाम और पिस्ते
प्रधान मंत्री जी नमस्ते

आप अर्थशास्त्री, ज्ञानी और
गुणवान
एक प्रश्न का उत्तर
सीधा सा दीजिए श्रीमान
एक गरीब के सात बच्चे
भूख, गरीबी और रोग से लड़कर
आखिर में कितने परसेंट हैं बचते
प्रधानमंत्री जी नमस्ते

धन काले की
होगी बात बाद में
पहले सफ़ेद तो दिखाओ
हम निर्धनों के हाथ में
दो रोटी और एक लंगोटी तक ही
सिमित हैं हमारे खर्चे
प्रधानमन्त्री जी नमस्ते

घोटालों से बने ‘राजा’ आपके
नित करते मंगल
अजब खेल पेट में हमारे
चूहों का हो रहा दंगल
बिक रहें करोड़ों में क्रिकेटर
हम दो कौड़ी से भी सस्ते
प्रधानमंत्री जी नमस्ते

राष्ट्र कमंडल के धन से तो
बेईमानों की भरती ‘अलमारी’
पर किस नियम ‘आदर्श’ से
पुश्तेनी झोंपड़ों पर कब्जे हुए सरकारी
मोबाइल, लैपटॉप के इस युग में
अब भी टॉपलेस हम विचरते
प्रधानमंत्री जी नमस्ते



हम बेअर्थों के अस्तित्व से ही
अर्थतंत्र आपका हिला हुआ
‘आउट’ गरीबी को करने अम्पायर
अमीरों से मिला हुआ
खुले छोड़े कॉर्पोरेट मुर्गे आपने
दाल समझ कर जो हमें चुगते
प्रधानमंत्री जी नमस्ते

महंगाई डायन की मार से
दो ही तो हैं अछूते
एक चांदी की चोंच वाले गिद्ध
और दूसरे हम कुत्ते
फिर क्यों रोनी सूरत आपकी
और हम हैं हँसते
प्रधानमन्त्री जी नमस्ते
हमारे हाथ में खाली कटोरा
आपकी प्लेट में काजू, बादाम और पिस्ते
प्रधान मंत्री जी नमस्ते

घायल हिंदुस्ता

लाशें देख रहा हूँ, शमशान देख रहा हूँ
आग देख रहा हूँ, जला मकान देख रहा हूँ
सिसक सिसक कर रो रही ज़िन्दगी यहाँ
हर तरफ दहशत का जहान देख रहा हूँ

शहर का शहर बना वीरान देख रहा हूँ
अपनों के खून से सना मैदान देख रहा हूँ
क्या क्या नहीं देख रहा अब मत पूछ मुझसे
सूनी नजरो से घायल हिंदुस्तान देख रहा हूँ

चंद सिक्को में बिकता ईमान देख रहा हूँ
लोगो का पेट काटते झूठे बेईमान देख रहा हूँ
कैसा करिश्मा है देखो इस अंधे कानून का
कुर्सियों पर चोरो को विराजमान देख रहा हूँ

इक दूजे का गला काटते हिन्दू मुसलमान देख रहा हूँ
धर्म के नाम पर जलते गीता कुरान देख रहा हूँ
क्या क्या नहीं देख रहा अब मत पूछ मुझसे
सूनी नजरो से घायल हिंदुस्तान देख रहा हूँ

Ravi Kasana
vill & Po- Jawli,Ghaziabad
ravikasana_1984@yahoo.com
mob-9716016510

MAHA SHIVRATRI KI AAP SABHI DOSTO KO HARDIK SHUBHKAMNAYE

Shiv ki shakti,

Shiv ki bhakti,

khushi ki bahar mile,

Shivratri k pavan avsar

par apko zindgi ki ek

nayi achchi shuruwat mile.

MAHA SHIVRATRI KI AAP SABHI DOSTO KO HARDIK SHUBHKAMNAYE.....!

गुर्जर झगड़ा कैसा होता है - पुरानी बात

गुर्जर झगड़ा कैसा होता है - पुरानी बात
एक बार एक बनिया अपनी घोड़ी पर बेठ कर जा रहा था ..रास्ते में उसे पैदल चलता हुआ गुर्जर मिला ..दोनों चलते चलते बात करने लगे. गुर्जर ने बनिए से कहा सेठ जी घोड़ी बड़ी शानदार है ..ये सुनकर बनिया फुल गया और उसने गुर्जर को घोड़ी की सवारी करने के लिए कहा ताकि वो घोड़ी की चाल से भी परिचित हो जाए और घोड़ी के बारे में अधिक तारीफ करने लग जाए ..
उसने गुर्जर को घोड़ी पर बेठने के लिए कहा .. अब गुर्जर बनिए की घोड़ी पर था बनिया पैदल ..थोडा आगे जाने के बाद गुर्जर घोड़ी सहित दूसरी राह जाने लगा तो बनिया बोला अरे घोड़ी तो दो मेरी ..
गुर्जर ने कहा कौनसी घोड़ी.....? ये तो मेरी घोड़ी है ....
बात बढ़ गई गुर्जर कहे घोड़ी मेरी ..
बनिया कहे मेरी ...
बात पंचायत में गई ...
पंचो ने बनिए से पूछा अगर घोड़ी तुम्हारी ही तो कोई निशानी बताओ ..
बनिए ने कहा मेरी घोड़ी की गर्दन के नीचे काला निशान है ...
पंचो ने देखा तो निशान मिल गया ..
अब बारी गुर्जर की थी उससे कहा भाई गुर्जर तुम बताओ अगर घोड़ी तुम्हारी है तो कोई निशान बताओ ..
गुर्जर ने कहा मेरी घोड़ी की पूंछ के नीचे काला तिल है .. पंचो ने देखा तो बात सही निकली ..
घोड़ी गुर्जर को दे दी गई
बनिया हैरान उसने इस प्रकार कभी ध्यान ही नहीं रखा ..
अब बनिया निराश होकर जाने लगा ...
अब गुर्जर ने उसे आवाज दी अरे सेठ जी अपनी घोड़ी ले जाओ ..आप ने पूछा गुर्जर झगड़ा कैसा होता है तो मेने उसका नमूना दिखाया ..
आज के बाद किसी गुर्जर को चुनोती मत देना .. ये तो में था बाकी महंगा पड़ जाएगा ..

Monday, March 28, 2011

Good moral story

एक अधेड़ महिला को हार्ट अटैक आया और अस्पताल ले जाया गया। जब वह ऑपरेशन टेबल पर थी, भगवान उससे मिलने आये । भगवान को देखकर उसने पूछा- क्या मेरा समय पूरा हो गया ?

नहीं भगवान ने कहा।

अभी तो तुम्हें 36 साल 8 महीने 12 दिन और जीना है ।

और भगवान गायब हो गये।

ऑपरेशन सफल रहा और महिला ठीक हो गयी। भगवान के कहे अनुसार अभी उसके पास बहुत जिन्दगी बाकी थी इसलिये उसने ठाठ से रहने का सोचा। अस्पताल से छुट्टी लेने के पहले उसने ब्यूटीशियन को बुलवाकर अपने बालों को रंगवाया तथा चेहरे को आकर्षक व कम उम्र का दिखने के जतन किये। फिर युवतियों जैसा लिबास पहनकर अस्पताल से घर जाने के लिये निकली। चूंकि भगवान ने उससे कहा था कि उसकी जिन्दगी के अभी बहुत दिन बाकी है इसलिये उसने सड़क पार करने में थोड़ी लापरवाही दिखाई और नतीजतन एक कार से जा टकराई। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। भगवान के सामने पहुंचने पर उसने पूछा- तुमने तो कहा था मेरी जिन्दगी के अभी और 36 साल बाकी हैं फिर तुमने मुझे कार के सामने आने से क्यों नहीं बचाया?

दरअसल, मैं तुम्हें पहचान ही नहीं सका। भगवान ने जवाब दिया।

ओ भारत के वीर जवानों , माँ का क़र्ज़ चुका देना ,

ओ भारत के वीर जवानों , माँ का क़र्ज़ चुका देना ,
कटे फटे इस मानचित्र को अबकी ठीक बना देना !!
पटना साहीब से मीलने को ननकाना बैचेन खड़ा ,
अबकी तीरंगा रावलपिंडी में घुस कर फहरा देना !!
अटक कटक से सिन्धु नदी तक सब कुछ हमको प्यारा है ,
कश्मीर मत मांगो कह दो पाकिस्तान हमारा है !!

जो उपवन से घात करे वो शाख तोड़ दी जायेगी ,
जो पीछे से वार करे वो बांह मोड़ दी जायेगी ,
जो कुटुंब का नाश करे वो गर्दन तोड़ दी जायेगी,
मेरे देश पे उठती हर एक आँख फोड़ दी जायेगी ,
जो देश द्रोह की बात करे वो मनुष्य हत्यारा है ,
कश्मीर मत मांगों कह दो पाकिस्तान हमारा है !!

अपनी झीले, नदीयाँ, पर्वतमाला कैसे दे देंगे ?
भारत भर की रूप सुधा का प्याला कैसे दे देंगे ?
वैष्णो देवी , बाला अमर उजाला कैसे दे देंगे ?
अमरनाथ का बोलो पुण्य शीवाला कैसे दे देंगे ?
गंगा से मीलने को झेलम का बैचेन कीनारा है ,
कश्मीर मत मांगों कह दो पाकिस्तान हमारा है !!

Ravi Kasana
vill & Post- JAwli,Ghz
mob-9716016510
ravikasana_1984@yahoo.com

What a great job from govt. of india

Must Read

1) Qus.: What are you doing?

Ans.: Business.

Tax : PAY PROFESSIONAL TAX



2) Qus.: What are you doing in Business?

Ans.: Selling the Goods.

Tax : PAY SALES TAX



3) Qus.: From where are you getting Goods?

Ans.: From other State/Abroad

Tax : PAY CENTRAL SALES TAX, CUSTOM DUTY & OCTROI



4) Qus.: What are you getting in Selling Goods?

Ans.: Profit.

Tax : PAY INCOME TAX



5) Qus.: How do you distribute profit ?

Ans : By way of dividend

Tax : PAY DIVIDEND DISTRIBUTION TAX



6) Qus.: Where you Manufacturing the Goods?

Ans.: Factory.

Tax : PAY EXCISE DUTY



8) Qus.: Do you have Staff?

Ans.: Yes

Tax: PAY STAFF PROFESSIONAL TAX



9) Qus.: Doing business in Millions?

Ans.: Yes

Tax : PAY TURNOVER TAX ?

Ans : No

Tax : Then pay Minimum Alternate Tax



10) Qus.: Are you taking out over 25,000 Cash from Bank?

Ans.: Yes, for Salary.

Tax : PAY CASH HANDLING TAX



11) Qus.: Where are you taking your client for Lunch & Dinner?

Ans.: Hotel

Tax : PAY FOOD & ENTERTAINMENT TAX



12) Qus.: Are you going Out of Station for Business?

Ans.: Yes

Tax : PAY FRINGE BENEFIT TAX



13) Qus.: Have you taken or given any Service/s?

Ans.: Yes

Tax : PAY SERVICE TAX



14) Qus.: How come you got such a Big Amount?

Ans.: Gift on birthday.

Tax : PAY GIFT TAX



15) Qus.: Do you have any Wealth?

Ans.: Yes

Tax : PAY WEALTH TAX



16) Qus.: To reduce Tension, for entertainment, where are you going?

Ans.: Cinema or Resort.

Tax : PAY ENTERTAINMENT TAX



17) Qus.: Have you purchased House?

Ans.: Yes

Tax : PAY STAMP DUTY & REGISTRATION FEE



18) Qus.: How you Travel?

Ans.: Bus

Tax : PAY SURCHARGE



19) Qus.: Any Additional Tax?

Ans.: Yes

Tax : PAY EDUCATIONAL, ADDITIONAL EDUCATIONAL &

SURCHARGE ON ALL THE CENTRAL GOVT.'s TAX !!!



20) Qus.: Delayed any time Paying Any Tax?

Ans.: Yes

Tax : PAY INTEREST & PENALTY



21) INDIAN : Can I die now??

Ans : No, wait we are about to launch the FUNERAL TAX

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2) Petrol Price in INDIA

Pakistan Rs. 26

Bangladesh Rs. 22

Cuba Rs. 19

Nepal Rs. 34

Burma Rs. 30

Afghanistan Rs. 36

INDIA Rs. 63.40



3) BASIC COST PER 1 LITRE 16.50

Centre tax 11.80%

Excise duty 9.75%

Vat cess 4%

State tax 8 %

Total Rs. 50.05



Now extra 13.35 Rs, PER 1 LITRE



What a Great job from Govt. of India …

Pass this messages to ALL INDIANS……………

Bhagwan Ram ki Kripa/ Good Moral Quote

1)Bhagwaan Shri Raam ke Ashirwaad se aap ke sabhi dukhon ka sarvnaash hota rahe aap par unki kripa bani rahe,

2)Jai Ramji Ki,

Apne gun aur vaibhav ko sab ke saamne prgat mat karo. Bahut kam log hi andar se khus hote hai. Kuchh log to aap se jalne lagte hai aur kuchh log apne pass un cheejo ke abhaav ko mahsoos kar dukhi hote hai."

3)सुप्रभात .......


आने वाला हर पल आपके लिए ....तारो की तरह हो ...
जैसे आकाश में जितने तारे हो.........उतने ही आपके पास खुशिया हो...

"जिन्दगी में जब भी समय मिले ......हंसो और खूब हंसो .....

4)भलाई करनेकी उतनी आवश्यकता नहीं है, जितनी बुराईका त्याग करनेकी आवश्यकता है | बुराईका त्याग करनेसे भलाई अपने-आप होगी, करनी नहीं पड़ेगी |

It is not necessary to do as much good, as there is need to give up one's own wickedness. By giving up wickedness, good would come about by itself, and would not have to be resorted to.
5)मेरा प्रण- घोटालो की इस बहती गंगा में मैं भी नहाऊ,
सोनिया, राहुल, मनमोहन की तरह फिर भी ईमानदार कहलाऊ|

6)राजा में ताक़त कहाँ,कठपुतली हैं मात्र!
हुक्म बजाते हैं केवल,आदर के हैं पात्र!!
आदर के हैं पात्र,अंकुश दस जनपथ का!
सर्वविदित है सारथी,सत्ता के रथ का!!
घोटालों से लकदक है,परिवेश सारा!
कहाँ रुकेगा जाकर,हिदुस्तान हमारा!!

7)A Beatiful Thought :
Apne Dushmen ko 1000 Bar Mauka Do K Wo Aapke Dost Ban Jaye. Par Apne Dost ko 1 b Moka Mat Do K Wo Tumhara Dushman Ban Jaye...

*8)कुछ देर पहले मेरे पत्रकार दोस्त मिले और मुझे एक साप्तहिक समाचार पत्र ". . . . . 1986 से प्रकाशित" की कॉपी दे गये, जैसे ही मेने समाचार पत्र खोला तो उसके पहले पेज की अहम खबर "कांग्रेस मीठा जहर है . . ." पढने के बाद अभी तक उसका अर्थ नहीं समझ पा रहा हूँ !
क्या आप इसके अर्थ को समझायंगे अगर आप समझ सके ???

9)Samne wala insan do tarah se hi dekhnne me chota nazar aata hai,1"DUR SE"aur dusra "GARUR SE".

10)अच्छे लोग अपना स्वभाव प्रकट करते है और अपना प्रभाव छिपाते है.
साधारण लोग स्वभाव छिपाते है और अपना प्रभाव दिखाते है.

अत: प्रभाव मत दिखावो, स्वभाव दिखावो.

परभाव= Power show karna.

स्वभाव= fundamental Nature


11)Feel Tension? "Think Me"
Feel Sad?" Call Me"
Feel Lonely? "See Me"
Feel Sleepy? "Dream Of Me" My name is
"SELF CONFIDENCE"
Never Lose me..

12)पथभ्रष्ट होता जा रहा है आज का युवा। वेलेंटाइन गीत गा रहा है आज का युवा।
विनाशकारी विकास की घातक चाह में, धरती माँ को बेच रहा है आज का युवा।
शहीदों के बलिदान और देश को भूलकर, भारत माँ को नौच रहा है आज का युवा।
अपनी संस्कृति-संस्कारों से विमुख होकर, गौ माता को भूल रहा है आज का युवा।
माँ-बाप, भाई-बहन को दरकिनार कर, वेलेंटाइन के पीछे दौड़ रहा है आज का युवा।

13)दुनिया में सब को सब नहीं मिलता. १०० किलो अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं,
वो खरीद नहीं सकता, और जो खरीद सकता हैं. वो उठा नहीं सकता. हर हाल में खुश रहो ...........

14)"धन की प्यास कभी नहीं बुझती ,उसकी ओर से मुँह मोड़ लेना ही परम सुख है |" महर्षि वेदव्यास

15)जो लोग मुश्किल दौर में आपके साथ होते हैं, वही अच्छे दौर में आपका साथ पाने के हकदार हैं।

16)क्या आपको पता है की NDTV/ बुरखा दत्त नें सोनिया गांधी से कहा है - मेडम आप चुप रहती हैं तो बिल्कुल कैटरीना कैफ लगती हैं,, तो "मेडम" आजकल "चुप" हैं...!!

18)भारत ने अपने 10 हजार साल के इतिहास मे कभी किसी अन्य देश पर आक्रमण नही किया…………….. भारत पर अनेकों आक्रमण हुए हैं और भारत ने अपनी आदि से अधिक भूमि खो दी है…………….. लेकिन इस देश ने कभी किसी देश पर हमला नही किया………………..क्योंकि भारत महान है .
क्या कायर कभी महान हुए हैं .
जय श्री राधे
जय हिंद

20)कुछ चोरों, कुछ छिछोरो, कुछ मजबूरो, कुछ हरामखोरो के एक साथ जमा होने के बाद जो भीड़ बनती है उसे भारत की केन्द्रीय मंत्रिपरिषद कहते हैं|

21)दुनिया में सब को सब नहीं मिलता. १०० किलो अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं,
वो खरीद नहीं सकता, और जो खरीद सकता हैं. वो उठा नहीं सकता. हर हाल में खुश रहो ..

22)पैर छुना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है, तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना, दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम। झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है, जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है, तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है। प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।
किसी भी कार्य की शुरूआत के पहले हमें घर के बड़े-बुजूर्ग, माता-पिता के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए। इससे कार्य में सफलता प्राप्त होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है हमारा मनोबल बढ़ता है।

23)आज से 60 साल पहले भी ये देश गावों में बसता था ...आज भी ये गावों में बसता है ...इस देश के 80 फीसदी लोग आज भी अपने मूल्यों के साथ जीते है ...उन्हें अर्थवयवस्था की भाषा , अंग्रेजी के भाषण , नेताओ की बोली समझ नहीं आती ...उन्हें नहीं पता मुद्रास्फीति कैसे बढ़ रही है ...मगर घर का खर्च नहीं चलता ...यदि हमें कुछ वास्तविक करना है तो हमें फिर से भारत की तरफ लोटना होगा ...गावों की तरफ लोटना होना ...पुरातन की तरफ लोटना होगा ....सनातन की तरफ लोटना होगा ....
हमारी वो सभ्यता जिसने हमें विश्व गुरु बनाया था ...वो यही कही आज बची है ...इंडिया शाइनिंग में उसके अवशेष नहीं मिलते ...
आज सबसे बड़ी चुनोती है हम व्यवस्था को, न्याय को , सत्य को आखिरी जन तक पंहुचा दे ...जो इससे वंचित है ...
आज बाहरी खोल को उतार फेंकना होगा जो उधार का है ...अब स्वयं को जागृत करना होगा , अंदर से जाग्रति लानी होगी , जो सत्य भी है और एक न्याय प्रिये व्यवस्था का आधार भी है ..


24)भारत पुनर्निर्माण संघ
जाने कोई भी क्यों बुलंद आवाज़ में न बोले,
मगर सुलग रहे हैं सबके दिलों में शोले |
भड़क जाएगी आग-ए- इन्कलाब जरा सी हवा से,
कोई सरफ़रोश बस एक बार अपना मुँह तो खोले ||
-हम शुरुआत कर चुके हैं बस आपका का इंतजार है !
Are himat to karo , hum jarur safal honge. Viswas karo . Itihas gawah hai, har bar yuvone hi kranti(badlaw) ki hai.


25)Agar ham apni family ke old logo ko dekhenge toh pata chalega ki oon logo ka living status aaj ham logo se bahut kam tha. Income bhi itni nahi thi, thi bhi toh kharch kam karte the. Mai ye nahi kahta ki vo bahut sukhi the, lekin depression me nahi hote the. Aaj kya ho gaya ki ham pahle se jyada achchha kha rahe hai, achchhe gharo me rah rahe hai, suwidha ke sadhan bahut badh gaye, jitni mahgayi badhi us se jyada hamari income badhi. Fir bhi aaj ka aadmi jyada dukhi kyon? pls. tell me.

26)जीत किसके लिए, हार किसके लिए
ज़िंदगीभर ये तकरार किसके लिए

जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए

27)पहाड़ से गिरने की अपेक्षा किसी की नजरों से गिरना अधिक खतरनाक है" !

28)बहुत ही सुन्दर और आनंददायी दिन की शुभकामनाओं के साथ .............. सुप्रभात !!!
मैं गौरवान्वित हूँ की आप मेरे मित्र हैं, और इस हेतु ईश्वर को जितना भी धन्यबाद दूँ कम ही होगा....

29)Argument is bad, but, Discussion is good , bcoz ARGUMENT is 2 find out WHO IS RIGHT N DISCUSSION IS 2 find out WHAT IS RIGHT..

30)आज उठा दो सब दुकाने यहाँ से काले धंधो की ,
दल न हरगिज गलने देना अब स्वार्थ के अंधो की ,
सबसे कह दो ये धरती है ,आज़ादी के बन्दों की ,
भगत सिंह के इस भारत में जगह नहीं जयचंदों की ,
नहीं चलेगा काम दोस्तों केवल जय जय करो से ,
सम्हल के रहना अपने घरो में छिपे हुए गद्दारों से .


31)ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः

32)Good relations don't need any promisises, terms or conditions.
It just need two wonderfulpeople
" One who can trust and one who can understand"..

33)" हे माँ भारती हम कल रहे ना रहे, लेकिन तेरी संस्कृति और धर्म हमेशा रहेगा."

34)Triutiyan (galti) to kewal usi se nahi hogi,
jo kabhi koi kaam kare hi nahi

35)आप भगवानके दास बन जाओ तो भगवान आपको मालिक बना देंगे |

You become the servant of God, then He would make you a master

36)वह घर की कीर्ति और यश को खा जाता है ,जो अतिथि से पहले खाता है |
अथर्ववेद {९-६-"३"-५ }

37)क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता

38ek ajab si kahani hai zindgi,
ek ansuljhi paheli hai zindgi.

Sabka sath hote hue bhi ,
Akeli hai zindgi.
...
Sab kuch hai pass fir kyu,
Maayus hai zindgi.

Kabhi pyaara sa aarman to kabhi,
Kabhi nirash hai zindgi.

Kabhi khushi ka jahan hai zindgi to,
Kabhi dard ka tufaan hai zindgi.

Kabhi phulo ka gulistan to ,
Kabhi kaanto se bhara daaman hai zindgi.

Kabhi dost hai to,
Kabhi khud ki dusman hai zindgi.
Kabhi paropkar to kabhi,
Gunaaho hai zindgi.
Koi bata de aakhir kya hai ye sindgi?
Suna hai chand lamho ki mohtaj hai Zindgi.

Kitna bhi pyaar karo zindgi se,
Par hoti hai bewafa zindgi.

Kuch iss tarah jiyo zindgi ki,
Ban jaaye itihaas zindgi

39)असमा के तारे अक्सर पूछते है हमसे
क्या तुम्हे आज भी इंतज़ार है उसके लौट आने का.
और ये दिल मुस्कुरा के कहता है
मुझे तो अब तक यक़ीन ना हुआ उसके चले जाने का...

40)तुम समंद्र की बात करते हो
लोग आँखों मैं डूब जाते हैं


41)यहाँ कौन रोता है किसी के लिए
सब अपनी ही किसी बात पर रोते है
इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से
बाक़ी सब तो मतलब के यार होते है


42)हस्सी ने लबों पे तिरकना छोड़ दिया है
ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया है
नही आती अब तो हिचकियाँ भी,
शायद आप ने भी याद करना छोड़ दिया

43)"World is not a parking place"
It is a racing track.
Keep on moving, No matter when & where you start, but reach ur goal & make new record !
Keep Racing.

44)Life has no rehearsals...each day is real show...no retakes..
no rewinds...so give the best performance in all your roles...

45)Bachpan ke dukh bhi kitne achchhe the,
tab to sirf Khilone tuta karte the,
wo Khushian bhi na jane kaisi khushian thi,
jo titlion ko pakad k uchhala karte the,
Paon marke khud baarish ke paani me
apne aap ko bhigoya kartey the..
Ab to 1 aansu bhi dard de jata hai,
jabki bachpan me to dil khol ke roya karte the.

46)जीवन एक कहानी है, मृत्यु उसका परिणाम। लेकिन गौरवपूर्ण मृत्यु प्राप्त करना, जीवनकी सफलताका प्रमाण है।

47)जब तक मेरी ज़रूरत थी
घर में कितनी इज़्ज़त थी
खपता रहा ज़िन्दगी भर
जितनी मुझमे ताक़त थी
बेटों के घर हफ़्ता भर
बस रहने की मोहलत थी
बहुओं का तो नाम था बस
सब बेटों की हरकत थी
सोच ले ऐ बच्चों की माँ
यही हमारी क़िस्मत थी

48)जय राम जी की,

दुनिया का अदभुत सत्य:- गरीब आदमी मंदिर के बाहर भीख मांगता है ............
जब की अमीर आदमी मंदिर के अंदर भीख मांगता है........|||

49)मेरा वास्ता नहीं है कोई राज पाठ से
एक सवाल पूछता हूँ रोज़ राज घाट से

मेरी नीद खो गई है मित्र इस मलाल में
अयोध्या में मंदिर बन ना पाया साठ साल में

50)waqt insaan ko banata hai aur waqt hi nigal jata hai

51)Sangarsh kiye ja raha hun maalum nhi kis disha ja raha hu,
sochta hu jab apni manzil ke baare main toh raste ko dekhta hun, or us aur badta ja raha hun,

malum nhi kis modh par le jeyengi yeh Rahayein bas chalta he ja raha hun,sangarsh kiye ja raha hu maalum nhi kis disha ja raha hun,

zindagi thokre khila rahi hai phir sochta hun or aage badta ja raha hu, phir bhi aash laga raha hun.
Manzil ki taraf bada ja raha hun,

Dekhte hai kab tak tokhre khaani hai lekin Manzil bhi toh mujhe he paani hai yahi soch kar sangarsh kiye ja raha hun or aage badta ja raha hun,

Sangarsh he ban gaya hai jivan mera yahi soch kar jivan main sangarsh kiye ja raha hun,
tut jata hun kabhi-2 phir sabhalta hun or nayi subha ke saath aankon main sunhare bavisyein ki khoj ke sapne liye muskurata hun or phir sangarsh kiye ja raha hun,
manzil ki khoj main badta ja raha hun,
kuch naya karne ki kosish main badta ja raha hun,
sangarsh kiye ja raha hun maalum nahi kis disha ja raha hu,


Jitna chal raha hun raste par manzil utni he Dur nazar aa rahi hai, phir manzil ko dekhkar lambhi saans leta hun or muskura kar badta ja raha hun,
Sangarsh kiye ja raha hu maalum nahi kis disha ja raha hun


52)''Chehre ki hasi se har gam chupao,
Bahut kuch bolo par kuch na batao...
Khud na rutho kabhi, par sabko manao
Ye Raz hai Zindagi ka,
Bas Jite chale jao!

53)भगवान की प्रतिज्ञा
तू वही करता है जो तू चाहता है, पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ....!
तू वही कर जो मैं चाहता हूँ, फिर देख वही होगा जो तू चाहता है....!!
-भगवान

54)"It is not important how the person dies,
It is important how the person lived? "

(महत्तवपूर्ण ये नही की इन्सान मरता कैसे है ,
महत्तवपूर्ण ये है की इन्सान जीता किस प्रकार है ?)

55)Don't be a Parrot in life, Be an Eagle......! A Parrot speak But can not fly high. But An Eagle is silent and has Willpower to Touch the Sky

56)Koi Rasta Nhi DUA K Siva,
Koi Sunta Nhi Khuda K Siva.

Maine Bhi Zindgi Ko Karib Se Dekha Hai Dosto,

Muskil Mai Koi Sath Nahi Deta Aansu K Siva.

57)Zindagi Ki Raahon Mein Aise Mod Bhi Aate Hain
Saawan Ke Saath-Saath Yehan Patjad Bhi Aate Hain
Aasuwon Ke Saagar Mein Moti Bhi Milthe Hain
Jo Unhe Doond lete hain, Wahi Zindagi Jee Lete Hain

58)Wakt ki aanch me patthar pighal jate hain khusi ke lamhe gam me badal jaten hain kyon karega hamko yaad koi wakt ke sath khyalat badal jate hain.

59)Kuch pal itne haseen hote h, jinhe yaad
karke aankho se
aanshu baras jate h. Kuch Logon ko
milne ki fursat nhi
or kuch Log milne
ko taras jate h.

60)सफलता जिस ताले में बंद रहती हँ
वह दो चाबियों से खुलता हँ
एक कठिन परिश्रम से और दूसरा द्रंड संकल्प !
कोई भी ताला यदि बिना चाबी के खोला गया तो वह आगे उपयोगी नहीं रहेगा!
इस प्रकार यदि परिश्रम और विश्वास
का माद्दा आपने अन्दर पैदा नहीं किया
तो कोई भी थोपी सफलता टिक न सकेगी !

61)जिसको न निज देश न निज जात ,
न मातृभूमि से प्यार हँ
वो नर नहीं नर पश मेरा
और
मृतक सामान हैं !

62)हे वीरो ! तुम अब जागो .
अवसर निकल न जाये तुम भागो,
मंजिल अपनी यह नहीं पुरानी है,
जल्दी से वीरो हमको पानी है,
समय आ गया है अब अपना,
देखेंगे हम सब अब स्वर्णिम सपना,
शिक्षा की रश्मि से अब नया सवेरा लाना है,
राह में आये काँटों पर चलके दिखाना है,
जीत जहाँ से जायेंगे हम थोडा और कौशल दिखाना है,
"SOM"सजग हो जाओ अभी ये जज्बा नहीं पुराना है.

63) .प्रेम से बोलो श्रीराम जय राम जय जय राम ||
रामचंदर कह गए सिया से ऐसा कलियुग आएगा
मेरा जनम हुआ कहा अब सुप्रीम कोर्ट बताएगा ..

64)हे परमेश्वर आप जिस प्रकार स्वच्छ , निर्मल एवं प्रकाशमान हैं वैसा मुझे भी बनाएं | अथर्वेद {१७ | १ | २० }

65)यूँ तो मन्दिरों म॓ जाप भी कर ल॓ता हूँ।सन्तो क॓ संग अलाप भी कर ल॓ता हूँ।मानव से देव न बन जाउँ कहीं।इसीलिय॓ कभी कभी पाप भी कर ल॓ता हूँ.

66.)असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती


67)."Zindgi ka sach"
Ek garib subah jaldi ghar se pet bharne k liye nikalta hai aur Ek Amir pet kam karne k liye.
strnge but true

68).इस पोस्ट को orkut पर १ करोड़ बार राम नाम लिखने लिए शुरू किया जा रहा है कृपया इस कार्य में अपना सहयोग दें कमेन्ट में राम नाम लिखकर

राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम


69)सबको आगें बढानेवाले
दिव्या प्रभु ! हमारी काम - क्रोध - लोभ आदि मानसिक पापों और दुष्ट पुरषों
तथा पशुओं से प्राप्त होनेवाली हिंसा व दुखों से रक्षा करो |
सामवेद १.३.४


70) आप के पास एक रुपया हें,
और मेरे पास भी एक रुपया हें,
अगर हम इनको बदल दे ,
आपका रुपया मेरे पास वह मेरा रुपया आपके पास
तो हम दोनों के पास एक एक रुपया ही होगा ,
लेकिन मेरे पास कोई अच्छा विचार हें...........
और आप के पास कोई अच्छा विचार हें
हम उनको आपस में बदल दे तो हम दोनों के पास दो अच्छे विचार हो जायंगे ..

71)5.हे प्रकाशस्वरूप प्रभु !
मुझे दुराचार से हटाकर सदाचार में स्थापित कीजिये | किसलिए ? जिससे की में
दीर्घ जीवन , उत्कृष्ट जीवन और मोक्ष के आनंद को उत्तम प्रकार से प्राप्त
होऊं |

यजुर्वेद ४ .२८


72).मेरा गाँव :: शहर में इक कोठरी हो जाए अपनी इसलिए,
बाप-दादा ने सहेजी थी जो धरती, वो आज मैंने बेच दी


73).राम किसी को मारे नहीं नहीं हत्यारों राम,
अपने आप मर जाएगें कर कर खोटे काम ।
जिस जिस ने राम शब्द ,प्रभु श्री राम कि मर्यादा के साथ खिलवाड किया ,उनके अस्तित्व पर सवाल पैदा किया उसके वंश का और उसका समूल विनाश हुआ है ,इतिहास गवाह है रावण का हश्र, काणीया निधी (करुणा निधी) और उसकी पाटी का भी यही हश्र हो रहा है। कनिमोझी, ए राजा ,मारन और अब बारी है काणीये की और उसके सभी सहयोगीयो की।

74) "ईश्वर" का दिया कभी "अल्प" नहीं होता !
जो टूट जाये वो "संकल्प" नहीं होता !!
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना !
क्यूंकि जीत का कोई "विकल्प" नहीं होता !


75)Golden Words Of Hitler:

When you r in light,
every thing will follow You,
But when u enter dark,even Ur own shadow
will not follow U
that's Life!

76) Zindgi ka sach"
Ek garib subah jaldi ghar se pet bharne k liye nikalta hai aur Ek Amir pet kam karne k liye.
strnge but true

77) . Agar Ishwar pe bharosa karna SIKHNA Hai
To
PARINDO Se SIKHO
Ki Jab Wo SHAM ko GHAR Wapas Jate Hai
To
UnKi CHONCH Me Kal Ke Liye Koi DANA Nahi hota

होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

Holi ke iss rango ke tiyohaar mien aapke sab dukh dard jal jaayein, Aur kal ki rangpanchmi k saare rang aapke jeevan ko khushiyon se bhar jaayein.......

Holi ke iss pawan avsar per agar hum Bhagwan Bhakt Prahlad ko yaad na kare to bada ouchitya hoga , to Aaye iss rango ke bela par iss mahan sakshiyat ko yad karke iske mahima ka Gungaan kare: Jai Ho shree Bhagwan Bhakt Prahlad ki..!





@सभी मित्रों, को रंगों के पावन त्यौहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

होली का त्यौहार ऋतुराज वसंत में आता है जब सर्दी का अंत और ग्रीष्म का आगमन होता है। इस समय ऋतु-परिवर्तन से चेचक के रोग का प्रकोप कम करने के लिए पुराने समय में टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक-दूसरे पर डालने की प्रथा चलाई गई थी और यज्ञ की सामग्री में भी इन्हीं फूलों की अधिकता रखी गई थी जिससे वायु में उपस्थित रोग के कीटाणु नष्ट हो जायें। इतना ही नहीं आज यह प्रथा बहुत विकृत हो गई है और नवयुवक बुरे-बुरे रंग घृणित मानसिकता के साथ एक दूसरे पर डाल देते हैं, जिससे अनेक बार खून-खराबी की नौबत तक आ जाती है और रंग की होली के बजाय खून की होली दिखलाई पड़ने लगती है। यह मूर्खता की पराकाष्ठा है, और ऐसे लोग-त्यौहार मनाने की बजाय देश तथा धर्म की हत्या करते हैं। होली त्यौहार है पुराने गिले-शिकवे भुला कर इस दिन सब लोग प्रेम से गले मिल लेते थे और पुरानी गलतियों के लिए एक-दूसरे को क्षमा करके फिर से मित्र सहयोगी बन जाते थे अब भी इस दिन एक-दूसरे के यहाँ मिलने को जाते हैं, पर प्रायः नशा करके गाली बककर झगड़ा पैदा कर लेते हैं, जो होली के उद्देश्य के सर्वथा प्रतिकूल है। जिस प्रकार होली के पौराणिक उपाख्यान में बतलया गया है कि सच्चे भक्त प्रहलाद् ने असत्य और अन्याय का प्रतिरोध करके सत्य की रक्षा की थी और उसी की स्मृति में होली के त्यौहार की स्थापना की गई थी, उसी प्रकार हम भी यदि इस वास्तविक उद्देश्य का ध्यान रखकर होली का त्यौहार मनायें तो इस अवसर पर वर्तमान समय में होने वाली अनेक हानियों से बचकर इस त्यौहार को लोक कल्याण का एक प्रमुख साधन बना सकते हैं। आप सब खुश रहें और सुखी रहें इस प्रार्थना के साथ होली आपके लिए मंगलमय हो।

Hinduo ka Naya Saal

ना
तो जनवरी साल का पहला दिन है और ना ही 1 जनवरी पहला दिन।जो आज तक जनवरी को
पहला महीना मानते आए है वो जरा इस बात पर विचार करिए।सितंबर,अक्टूबर,नवंबर
और दिसंबर क्रम से 7वाँ,8वाँ,नौवाँ और दसवाँ महीना होना चाहिए जबकि ऐसा
नहीं है।ये क्रम से 9वाँ,...,10वाँ,11वां
और बारहवाँ महीना है।हिन्दी में सात को सप्त,आठ को अष्ट कहा जाता है,इसे
अङ्ग्रेज़ी में sept(सेप्ट) तथा oct(ओक्ट) कहा जाता है।इसी से september तथा
October बना।नवम्बर में तो सीधे-सीधे हिन्दी के "नव" को ले लिया गया है
तथा दस अङ्ग्रेज़ी में "Dec" बन जाता है जिससे December बन गया।
ऐसा
इसलिए कि 1752 के पहले दिसंबर दसवाँ महीना ही हुआ करता था।इसका एक प्रमाण
और है।जरा विचार करिए कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस को X-mas क्यों कहा जाता
है???? इसका उत्तर ये है की "X" रोमन लिपि में दस का प्रतीक है और mas यानि
मास अर्थात महीना।चूंकि दिसंबर दसवां महीना हुआ करता था इसलिए 25 दिसंबर
दसवां महीना यानि X-mas से प्रचलित हो गया।
इन सब बातों से ये निस्कर्ष
निकलता है की या तो अंग्रेज़ हमारे पंचांग के अनुसार ही चलते थे या तो उनका
12 के बजाय 10 महीना ही हुआ करता था।साल को 365 के बजाय 345 दिन का रखना तो
बहुत बड़ी मूर्खता है तो ज्यादा संभावना इसी बात की है कि प्राचीन काल में
अंग्रेज़ भारतीयों के प्रभाव में थे इस कारण सब कुछ भारतीयों जैसा ही करते
थे और इंगलैण्ड ही क्या पूरा विश्व ही भारतीयों के प्रभाव में था जिसका
प्रमाण ये है कि नया साल भले ही वो 1 जनवरी को माना लें पर उनका नया
बही-खाता 1 अप्रैल से शुरू होता है।लगभग पूरे विश्व में वित्त-वर्ष अप्रैल
से लेकर मार्च तक होता है यानि मार्च में अंत और अप्रैल से शुरू।भारतीय
अप्रैल में अपना नया साल मनाते थे तो क्या ये इस बात का प्रमाण नहीं है कि
पूरे विश्व को भारतीयों ने अपने अधीन रखा था।
इसका अन्य प्रमाण
देखिए-अंग्रेज़ अपना तारीख या दिन 12 बजे रात से बदल देते है।दिन की शुरुआत
सूर्योदय से होती है तो 12 बजे रात से नया दिन का क्या तुक बनता है!!!तुक
बनता है।भारत में नया दिन सुबह से गिना जाता है,सूर्योदय से करीब दो-ढाई
घंटे पहले के समय को ब्रह्म-मुहूर्त्त की बेला कही जाती है और यहाँ से नए
दिन की शुरुआत होती है।यानि की करीब 4-4.30 के आस-पास और इस समय इंग्लैंड
में समय 12 बजे के आस-पास का होता है।चूंकि वो भारतीयों के प्रभाव में थे
इसलिए वो अपना दिन भी भारतीयों के दिन से मिलाकर रखना चाहते थे इसलिए
उनलोगों ने रात के 12 बजे से ही दिन नया दिन और तारीख बदलने का नियम अपना
लिया।
जरा सोचिए वो लोग अब तक हमारे अधीन हैं हमारा अनुसरण करते हैं और
हम राजा होकर भी खुद अपने अनुचर का,अपने अनुसरणकर्ता का या सीधे-सीधी कहूँ
तो अपने दास का ही हम दास बनने को बेताब हैं।कितनी बड़ी विडम्बना है ये!!!

Ravi Kasana
vill & Post- Jawli,ghz
mob-9716016510
ravikasana_1984@yahoo.com

Gurjar Quotes

1) जब इस धरती पर गुर्जर आया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

धरती भी डोली,आई सूरज पर भी छाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

पहाडो को झुकाया,मौत को भी तड़पाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

शौर्य को जगाया
शौर्य को लड़ाया
शौर्य को हराया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

दुश्मन घबराया
दुश्मन को हराया
दुश्मन के किले की नींव को हिलाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

समाज को प्रकाश दिखाया
समाज को बचाया
समाज को न्याय दिलाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

धरती पर एक समानता को फैलाया
आर्यव्रत की शान को बढाया
तलवारों के स्तंभों से प्यार का पुल बनाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

औरत को समाज में मान दिलाया
कमजोर भी मजबूत हालत में आया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

अग्नि को लोगो ने ठंडा पाया
समंदर को भी लोगो ने जमता पाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया

दुश्मन की आँखों में आया डर का साया
शेर भी उस दहाड़ से घबराया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

इनके क्रोध को न जगाना
इनके धैर्य को न डगाना
क्योंकि तब- तब प्रिलय आई है
जब- जब इस धरती पर गुर्जर आया .

2)har talwar pe gujjaro ki kahani h.... tabi toh duniya gujjaro ki deewani h, mit gye gujjaro ko mitane wale,, qki aag m tapi gujjaro ki jawani h.

3)ab chalde gurjar sar uthake
"Dar ke mout bhi niche jhanke
Ranbhumi me jab dodaye ghode"
Nimbu ki tarah ye khoon nichode
Bade bhudo ka ye aadar karte"
Marne maarne se ye kabhi na darte

4)DEDICATED TO ALL MY GURJAR BROTHERS
GURJAR ki goonj se heeli dharti saari,
katleaam huaa har dushmann bari-bari,
GURJAR NE KABHI NA BAAJI HAARI
Dushmano ki lash bichakar
kARDI DESH PAR JAAN nyochawar
shoorveer GURJAR ka andaaz niralaa
Sammaan ke Liye khoon bahana khel purana

5)GREAT GURJAR,GURJAR maare esi dahad"
Sun ke hill jate hai pahad
Kabhi berr na inse lena"
Varna zindgi mangoge udhaar
Ithihas gawah hai is baat ka"
Nahi koi GURJAR sa dildaar
Bhari sabha me awaaz utha de"
Ache-ache ko apne samne jhuka de
Sachche GURJAR ki pehchaan yahi hai"
Desh pe luta ke dikha de JAAN...........
GREAT GURJAR'S!!!

6)होता वो भी लहू लाल जो गीदड़ से डर जाता है
होता वो भी लहू लाल जो शेर से लड़ जाता है
पर एक लहू का जलवा तो कुछ अजब असर का होता है
जो मृत्यु को भी ललकारे वो लहू गुर्जर का होता है..."
*

7)जब तक माथे पे लाल रंग नही लगता,तब तक GUJJAR किसी को तंग नही करता,बस तभी तक रहती है ये दुनिया सलामत,वरना GUJJAR कि तलवार को कभी जंग नही लगता­

8)har talwar pe gujjaro ki kahani h.... tabi toh duniya gujjaro ki deewani h, mit gye gujjaro ko mitane wale,, qki aag m tapi gujjaro ki jawani h.... GUJJAR BOYS...

9)Jab chalde gurjar sar uthake
"Dar ke mout bhi niche jhanke
Ranbhumi me jab dodaye ghode"
Nimbu ki tarah ye khoon nichode
Bade bhudo ka ye aadar karte"
Marne maarne se ye kabhi na darte

10)DEDICATED TO ALL MY GURJAR BROTHERS
GURJAR ki goonj se heeli dharti saari,
katleaam huaa har dushmann bari-bari,
GURJAR NE KABHI NA BAAJI HAARI
Dushmano ki lash bichakar
kARDI DESH PAR JAAN nyochawar
shoorveer GURJAR ka andaaz niralaa
Sammaan ke Liye khoon bahana khel purana

11)GREAT GURJAR,GURJAR maare esi dahad"
Sun ke hill jate hai pahad
Kabhi berr na inse lena"
Varna zindgi mangoge udhaar
Ithihas gawah hai is baat ka"
Nahi koi GURJAR sa dildaar
Bhari sabha me awaaz utha de"
Ache-ache ko apne samne jhuka de
Sachche GURJAR ki pehchaan yahi hai"
Desh pe luta ke dikha de JAAN...........
GREAT GURJAR'S!!!

12)जब इस धरती पर गुर्जर आया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

धरती भी डोली,आई सूरज पर भी छाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

पहाडो को झुकाया,मौत को भी तड़पाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

शौर्य को जगाया
शौर्य को लड़ाया
शौर्य को हराया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

दुश्मन घबराया
दुश्मन को हराया
दुश्मन के किले की नींव को हिलाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

समाज को प्रकाश दिखाया
समाज को बचाया
समाज को न्याय दिलाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

धरती पर एक समानता को फैलाया
आर्यव्रत की शान को बढाया
तलवारों के स्तंभों से प्यार का पुल बनाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

औरत को समाज में मान दिलाया
कमजोर भी मजबूत हालत में आया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

अग्नि को लोगो ने ठंडा पाया
समंदर को भी लोगो ने जमता पाया
जब इस धरती पर गुर्जर आया

दुश्मन की आँखों में आया डर का साया
शेर भी उस दहाड़ से घबराया
जब इस धरती पर गुर्जर आया !!

इनके क्रोध को न जगाना
इनके धैर्य को न डगाना
क्योंकि तब- तब प्रिलय आई है
जब- जब इस धरती पर गुर्जर आया .

13)जब तक माथे पे लाल रंग नही लगता,तब तक GUJJAR किसी को तंग नही करता,बस तभी तक रहती है ये दुनिया सलामत,वरना GUJJAR कि तलवार को कभी जंग नही लगता

14) गुर्जर मित्रो के नाम
--------------
भोले हैं लेकिन देखो हम कमजोर नही,
किसी के हों निवाले ऐसा हम कोर नही,
देखा और सहा बहुत सदियो यहां हमने,
ऐसे जीने का अब तो यारा दौर नही

15) . correct & complete name of village is GARHI JHARIA MARIA but people know it by name of Kalka Garhi because Kalka ji temple is close to this village ... Jharia & Maria is name of 2 brother who come to this village from New Pelanji with their mother and father & they are famous people of their time ........ regards from village Garhi Jhaira Maria

16)Dosti Karo Gurjar se or jeo Zindagi shaan se!
Gurjar ki yari or sher ki sawari koi bacho ka khel nahi,
Gurjar ki boli or bandook ki goli hamesha power full !!

17) I am a Gurjar
I will say it loud & Proud
Gurjar pride we would not Hide..!

18) Gurjar machalte hai to toofan aa jate ha !
Gurjar Bigadte ha to bhoochal aa jate h
Gurjar ko na karo badalne ki koshish
Gurjar jab badalte ha to Itihash ,samajik vigyan or bhoogol sab badal jate h

Sunday, March 6, 2011

Dareful Poem

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

2)कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
..... आपका एक दोस्त
*
*

3)लोग रूठ जाते हैं मुझसे
और मुझे मानना नहीं आता
मैं चाहता हूँ क्या
मुझे जाताना नहीं आता
आंसुओं को पीना पुरानी आदत है
मुझे आंसू बहाना नहीं आता
लोग कहते हैं मेरा दिल है पत्थर का
इसलिए इसको पिघलाना नहीं आता
अब क्या कहूं मैं
क्या आता है, क्या नहीं आता
बस मुझे मौसम की तरह बदलना नही आता
*

4)क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता
कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर
ख़ुद से बढ़ कर कोई दुनिया में हमसफ़र नही होता
*

5)आसमा से उपर...
एक उड़ान की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ हो हर क़दम सितारो पर...
उस ज़मीन की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ पहचान हो लहू की हर एक बूँद की...
उस नाम की ख़्वाहिश है..!!
जहाँ खुदा भी आके मुझसे पूछे...
"बता, क्या लिखू तेरे मुक्क़दर मे...?"
उस मुकाम की ख़्वाहिश है..!!
*
*

6)Jis aasma ki mujhe talaash thi,
Woh abhi mujhe mila nahi,
Takdeer ko jo mujhe dena tha,
Nahi diya,
Iska mujhe koi gila nahi,
Abhi laga hua hai nakaamyaabiyon ka silsila,
Manzil door hai aur rasta mujhe mila nahi. . .
Phans bhi jaati hai toofano mein kashtiyan,
Kya aisa bhi kabhi hua hai, Ki kinara use mila nahi. . .?
Aate hi rehte hai zalzalein zindgiyon mein,
Kya aisa koi zalzala hai, Jo kabhi thama nahi?
Mil hi jayegi, manzil mujhe kisi din,
Bas ek ummeed aur hausla hi toh hai, jo abhi toota nahi...
*
*

7)Aaj ye dil keheta hai, tu ab laut chal
Guzarta nahin hai, mera koi bhi pal
Mujhko yahaan se le chal
aaj ye dil keheta hai,Tu ab laut chal
Woh manzil yahaan nahin milegi
jiski tujhe talash hai,
woh manzar yahaan nahin dikhega
Jo tere dil ke aas paas hai
milta nahin hai mujhe yahaan koi bhi hal,
Mujhko yahaan se le chal,
aaj ye dil keheta hai,tu ab laut chal
Waise log yahaan nahin hai,
jinko dhund raha hai tu,
yahan log waise nahin hai
Jinse jud raha hai tu,
Na banega yahan mere sapno ka mahal
Mujhko yahan se le chal
aaj ye dil keheta hai, tu ab laut chal
Alvida...


7)Jis aasma ki mujhe talaash thi,
Woh abhi mujhe mila nahi,
Takdeer ko jo mujhe dena tha,
Nahi diya,
Iska mujhe koi gila nahi,
Abhi laga hua hai nakaamyaabiyon ka silsila,
Manzil door hai aur rasta mujhe mila nahi. . .
Phans bhi jaati hai toofano mein kashtiyan,
Kya aisa bhi kabhi hua hai, Ki kinara use mila nahi. . .?
Aate hi rehte hai zalzalein zindgiyon mein,
Kya aisa koi zalzala hai, Jo kabhi thama nahi?
Mil hi jayegi, manzil mujhe kisi din,
Bas ek ummeed aur hausla hi toh hai,
jo abhi toota nahi...jo abhi toota nahi...jo abhi toota nahi..

8)असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

9)Vatan Ke Halat Jo Sunane Lagege,
To Pather Bhe Ashu Bhanne Lagege,
Jo Bheed Mein Kho Gayi Aadmiyat,
Usse Thondne Mein Jmane Lagege.

10)जलता हुआ पतंगा चीखा, जलता क्यूँ शमशान है
भारत की आज़ादी बोली, बेबस क्यूँ इंसान है

याद करो जवानी को वीरों की कुर्बानी को
जलता हुआ पतंगा थे यु.पी. थे दरभंगा थे
......सभी प्रान्तों का गुस्सा गोरो मैं भरा था भूसा
कहाँ गए शेखर-सुभाष कहाँ गए भगत-अशफाक

कहाँ गई है वो ज्वाला जो हर जिगर मैं होती है
भारत की आज़ादी क्यूँ अब फूट-फूट कर रोती है

क्या जवानी थी उनकी जो हंसकर फांसी चढ़ गए
चम्बल के डाकू थे सारे आज जो नेता बन गए
देशभक्ति के नाम पर जो देश लूट कर खाते है
संसद के हत्यारे भी अब देशभक्त कहलाते हैं

आतंकवाद फसलें जब से अपने खेतो मैं बूती हैं
भारत की आज़ादी क्यूँ अब फूट-फूट कर रोती है

चारों तरफ़ हिंसा भड़की मचा हुआ कोहराम है
कमरतोड़ महंगाई का उफना क्यों तूफ़ान है
रिश्वत लेते पकड़ा था जो रिश्वत देकर छूट चला
न्यायलय की चोखट पर भी सारा काला झूंट चला

नारी बेबस होकर के आज आस्मत खोती है
भारत की आज़ादी क्यूँ अब फूट-फूट कर रोती है

अभी बढाओ हाथ तुम कल न फ़िर ये पल होगा
परलय के आँचल में जीवन कैसा अपना कल होगा
कतरा-कतरा लहू बहाकर जो जवानी चिल्लाएगी
पुनर्जन्म होगा भारत का नई आज़ादी आएगी

शहीदों की कुर्बानी को व्यर्थ नही होने देंगे
भारत की आज़ादी को कभी नही रोने देंगे

भारत की आज़ादी को कभी नही रोने देंगे
bandemataram

11)@ Nice Thought:- Agar kisi per bharosa karo to akhir tak karo natija chahe jo bhi nikle akhir me ya to aapko 1 sacha pyar milega ya phir 1 accha sabak.

12)Waqt Bhi Sikhata Hai,
Or
Teacher Bhi..

Par Dono ke sikhane me Fark Hota Hai,

Teacher Sikha Kar Imthan Leta Hai Aur,

Waqt Imthan Lekar Sikhata Ha


13)"ईश्वर" का दिया कभी "अल्प" नहीं होता !
जो टूट जाये वो "संकल्प" नहीं होता !!
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना !
क्यूंकि जीत का कोई "विकल्प" नहीं होता !


14) असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

15)आप के पास एक रुपया हें,
और मेरे पास भी एक रुपया हें,
अगर हम इनको बदल दे ,
आपका रुपया मेरे पास वह मेरा रुपया आपके पास
तो हम दोनों के पास एक एक रुपया ही होगा ,
लेकिन मेरे पास कोई अच्छा विचार हें...........
और आप के पास कोई अच्छा विचार हें
हम उनको आपस में बदल दे तो हम दोनों के पास दो अच्छे विचार हो जायंगे .........

जंगल गाथा

जंगल गाथा

एक नन्हा मेमना
और उसकी माँ बकरी,
जा रहे थे जंगल में
...राह थी संकरी।
अचानक सामने से आ गया एक शेर,
लेकिन अब तो
हो चुकी थी बहुत देर।
भागने का नहीं था कोई भी रास्ता,
बकरी और मेमने की हालत खस्ता।
उधर शेर के कदम धरती नापें,
इधर ये दोनों थर-थर कापें।
अब तो शेर आ गया एकदम सामने,
बकरी लगी जैसे-जैसे
बच्चे को थामने।
छिटककर बोला बकरी का बच्चा-
शेर अंकल!
क्या तुम हमें खा जाओगे
एकदम कच्चा?
शेर मुस्कुराया,
उसने अपना भारी पंजा
मेमने के सिर पर फिराया।
बोला-
हे बकरी - कुल गौरव,
आयुष्मान भव!
दीर्घायु भव!
चिरायु भव!
कर कलरव!
हो उत्सव!
साबुत रहें तेरे सब अवयव।
आशीष देता ये पशु-पुंगव-शेर,
कि अब नहीं होगा कोई अंधेरा
उछलो, कूदो, नाचो
और जियो हँसते-हँसते
अच्छा बकरी मैया नमस्ते!

इतना कहकर शेर कर गया प्रस्थान,
बकरी हैरान-
बेटा ताज्जुब है,
भला ये शेर किसी पर
रहम खानेवाला है,
लगता है जंगल में
चुनाव आने वाला है।

Dukhi Maa Baap


माँ बाप जो हमारे भगवान है जिन्होंने हम को जन्म दिया, अगर आज हम उन की आखो मे आसू देते है इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या है नकली धर्म दहाड़ लगाने से कुछ नहीं होगा, माँ बाप की सेवा ही हमारा धर्म है,,,,
माँ बाप ही भगवान है


Ravi Kasana
Btech- Mechanical & MBA in International Bussiness
Vill & Po- Jawli, Ghaziabad
ravikasana_1984@yahoo.com

पैर छुने की परंपरा

पैर छुना या प्रणाम करना, केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है, तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना, दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम। झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है। दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है, जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है, तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं, इससे भी स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है। प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।
किसी भी कार्य की शुरूआत के पहले हमें घर के बड़े-बुजूर्ग, माता-पिता के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए। इससे कार्य में सफलता प्राप्त होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है हमारा मनोबल बढ़ता है।

Ravi Kasana
Vill & Post- Jawli,Ghaziabad
ravikasana_1984@yahoo.com

शहीदों के क्या ऐसे ही निशां बाकी होंगेः


शहीदों के क्या ऐसे ही निशां बाकी होंगेः
बागपत के काठा गांव में चीन युद्ध के दौरान शहीद हुए दयानंद की प्रतिमा के चारों ओर लगा गंदगी का ढेर दरअसल हमारी ही मानसिकता के दिवालियेपन का प्रदर्शन है

ना गाडी नंबर है और ना ही हेल्पलाइन नंबर


ना गाडी नंबर है और ना ही हेल्पलाइन नंबर
ये क्या मुसीबत में बच्चो की मदद करेंगे, अगर कभी कही ये मुसीबत में फँस गये तो इनकी मदद कौन और कैसे करेगा ???

Kasaab


नौ लाख प्रति दिन के हिसाब से 45 करोड़ ..सरकारी खर्च ..कसाब के ऊपर ....और तब जाकर सज़ा -ए -मौत ..कौन कहता है हम गरीब देश की श्रेणी में आते हैं ..? यहाँ तो हम मौत के सौदागरों पर इतना न्योछावर कर देतें हैं ....

Saturday, March 5, 2011

JAI HIND.........JAI BHARAT........VANDEMATARAM




Sarhad pe Khade hain, Jaan hatheli pe liye,
HIND Ki hifaazat hai jinka kaam!
Rag rag mein jinke "VANDEMATARAM",
Har aah pe "BHARAT MATA" Ka naam!
Zakhm Sah ke bhi Sarhad pe nazar hai,
Aaraam hai jinke liye Haraam!
Kaum aur desh ke sacchhe sipahi hain jo,
Aise Jaanbaazon ko koti koti pranaam!

JAI HIND.........JAI BHARAT........VANDEMATARAM

"कांग्रेस मीठा जहर है


कुछ देर पहले मेरे पत्रकार दोस्त मिले और मुझे एक साप्तहिक समाचार पत्र ". . . . . 1986 से प्रकाशित" की कॉपी दे गये, जैसे ही मेने समाचार पत्र खोला तो उसके पहले पेज की अहम खबर "कांग्रेस मीठा जहर है . . ." पढने के बाद अभी तक उसका अर्थ नहीं समझ पा रहा हूँ !
क्या आप इसके अर्थ को समझायंगे अगर आप समझ सके ???

AAj Ke Nav Yuvak

नेहा नाम की देवी ने Facebook पर एक Scarp पोस्ट कीया जिसमे मात्र ये लिखा हुआ था "hello"....
देखकर मुझे हसी आ गयी ,सोचा पागल है ये..... और जब डेढ़ घंटे बाद जब मैंने
ये पोस्ट देखा तो सुन्न रह गया ... पोस्ट को 58 लोग लाइक कर चुके थे और 63
कमेंट भी आ गए ... पोस्ट को लाइक करने वाले... सभी cool dude थे.... और इन मूर्खो की
व्याकुलता देखिये की एक dude दो दो बार कमेंट कर रहा था ... नेहा कोई जवाब
नहीं दे रही थी ... और ये ऐसे बेचेन हो रहे थे जैसे जल बिन मछली ... अंत
में नेहा ने एक छोटा सा पर भावो से भरा हुआ कमेंट फेक दिया। सब ऐसे खुश हो
गए जैसे कुत्ते को हड्डी मिल गयी हो .अंत में जब शांति सी छाई तो इस पोस्ट
को 78 लोग लाइक कर चुके थे,,, तो ये है हमारे युवा...लड़कियो की कितनी भी
खिशी पिटी शायरी की पोस्ट हो ... इतनी बार वाह वाह कहेंगे की लड़की खुद को
गालिब समझने लगती है..... हर समय इन जैसे कुछ मूढ़ो के दिमाग में यही हलचल
चलती रहती है॥ ग्रुप चैट पर कितनी भी गंभीर धार्मिक या देशभक्ति की बात चल
रही हो ,,, ये आते है लड़की को देखते ही hiii neha hiiii puja करने लगते है
... और गलती से लड़की इन्हे hiiiii बोल देती है तो बस फूलकर कुप्पा हो
जाते है।और जब कही किसी पोस्ट पर गहरी बहस चल रही हो .... और कोई लड़की
मूर्खता के कमेंट कर रही हो ... तो ये उच्च कोटी के लोग बिना सोचे समझे ही
पूछ हिलाते हुये उसका समर्थन करने लगते है......बेशक वोह गलत हो ये उसके
लिए जमाने से लड़ने को लड़ने को तैयार हो जाते है। पूरी तरह से नारिभक्त बन
जाते है ये लोग..... धिक्कार है तुम जैसे युवाओ पर .... जो तुम्हारी नजरे
ज्ञान, देश,भक्ति को छोडकर हर क्षण गिद्ध की तरह वही लगी रहती है।अब तो कुछ
शर्म करना..यारो .... हम चाहे कितना भी अछे से अच्छा पोस्ट कर ले ... हमे
अल्पमत ही मिलते है ... वोह तो हो नहीं पाता वरना अगर फेस्बूक पर कोई लड़की
ब्लैंक पोस्ट भी कर दे ... तो ये वनमानुष उसे भी लाइक करके और एक दो कमेंट
करके फुले नहीं समाएंगे....... भगवान बचाए...जय श्री राम वंदे मातरम