Wednesday, January 11, 2012

मैँ गंवार हूँ

मैँ गंवार हूँ

मैँ गंवार हूँ ।गंवार अर्थात् गाँव का रहने वाला। इस देश मेँ हमारी तादाद सबसे अधिक है। मैँ गंवार हूँ क्योँकि मैँ दिनरात अपना खून -पसीना बहाकर इस देश के विकास को गति देता आया हूँ। मैँ गंवार हूँ क्योँकि मुझे छल-छद्म नहीँ आता। मैँ अपनी दिन -रात की मेहनत के बावजूद अपना तन नहीँ ढँक पाता हूँ ,अपने बच्चोँ और स्वयम् का पेट नहीँ भर पाता हूँ। कितनी ही सर्दी हो या गर्मी ,या हो बारीश , मेरे हाथ अनवरत चलते रहते हैँ । सारे नव निर्माण मेरे द्वारा किये जाते हैँ।भूख प्यास को सहकर मैँ खेतोँ मेँ काम करता हूँ ताकि मेरे देश के लोग भूखे न रहे। मेरे द्वारा पैदा किया गया अनाज गोदामोँ मेँ सड़ता रहता है और मेरे बच्चे भूख से तड़प तड़प कर मरते रहते हैँ ,पर किसी को दया नहीँ आती क्योँकि मैँ गंवार हूँ। देश के बड़े-बड़े पुल और भवन मेरे द्वारा तैयार होते हैँ, बाँध मैँ बनाता हूँ।इन विशालकाय निर्माण कार्योँ मेँ मेरी मेहनत के पारिश्रमिक का बड़ा हिस्सा मेरे नाम पर चट कर लिया जाता हैँ क्योँकि मैँ अनपढ़ हूँ , गंवार हूँ।मैँ गंवार हूँ क्योँकि मैँ अपने पास-पडोस मेँ रहने वालोँ के सुख-दु:ख को बाँटता हूँ।मैँ गंवार हूँ क्योँकि मैँ किसी के साथ जालसाजी नहीँ करता, अपना कमाया खाता हूँ। मैँ गंवार हूँ क्योँकि प्राकृतिक जीवन जीता हूँ।मैँ गंवार हूँ क्योँकि मवेशी पालकर शहर तक दुध, दही और घी पहुँचाता हूँ , हरी सब्जियाँ खाने को देता हूँ। मैँ गंवार हूँ क्योँकि बुजूर्ग मेरे लिये बोझ नहीँ हैँ। मैँ गंवार हूँ क्योँकि मैँ आतिथ्य सत्कार मेँ किसी से कम नहीँ हूँ।

Ravi Kasana
vill & Post-Jawli,Ghz
mob-9716016510

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