Tuesday, March 29, 2011

हिंदुस्तान का बाज़ार

हिंदुस्तान का बाज़ार
नाम बिक रहा है , मान बिक रहा है
कौड़ियो के भाव इंसाने बिक रहा है
आज कैसा जमाना आ गया है दोस्तों
विधि के हाथो विधान बिक रहा है

नादान बिक रहा है , हैवान बिक रहा है
u.p, mp, बंगाल , राजस्थान बिक रहा है
इन संतरियो के हाथो , मंत्रियों के हाथो
दलालों की मंदी में हिंदुस्तान बिक रहा है

हिन्दू बिक रहा है , मुसलमान बिक रहा है
और तो और खुद भगवान बिक रहा है
और ऐसे बिक रहा है , जैसे बाजार में
खुलेआम सडको पर सामान बिक रहा है

बुद्धि बिक रही है , ईमान बिक रहा है
शिक्षा के मन्दिरों में ज्ञान बिक रहा है
अब तो हालत हो गए है ऐसे की
परीक्षा से पहले परिणाम बिक रहा है

मीडिया बिक रही है , प्रशाशन बिक रहा है
न्यायधिशो के हाथो फरमान बिक रहा है
लोकतंत्र की दीवारे क्यों लगी है टूटने

Ravi Kasana
vill & Po- Jawli,Ghaziabad
ravikasana_1984@yahoo.com

No comments:

Post a Comment