Tuesday, March 29, 2011

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ

तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे ,
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे

हम है अकेले , हम है अधूरे ,
तेरी शरण हम हमें प्यार दे माँ ...हे शारदे माँ....

मुनियों ने समझी , गुनियों ने जानी ,
वेदोंकी भाषा , पुराणों की बानी

हम भी तो समझे , हम भी तो जाने ,
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ...हे शारदे माँ...

तू श्वेतवर्णी कमल पे विराजे ,
हाथों में वीणा , मुकुट सरपे साजे

मनसे हमारे मिटाके अँधेरे ,
हमको उजालों का संसार दे माँ ...हे शारदे माँ....

हे शारदे माँ , हे शारदे माँ .

अज्ञानता से हमें तारदे माँ

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