Monday, October 3, 2011

और स्वामी जी ने आँखों में मिर्च डाल ली


....और स्वामी जी ने आँखों में मिर्च डाल ली


बचपन में सभी से पूछा करते थे -"क्या आपने भगवान को देखा है ?"अपनी जिज्ञाषा जब तक शांत नहीं हुई वे इसी प्रश्न को पकडे रहे और एक दिन जब स्वामी रामकृष्ण परमहंस से उनका सामना हुआ और उन्होंने कहा की हाँ मैंने भगवान को देखा है बिल्कुल ऐसे ही जैसे तुम्हे देख रहा हूँ .तब कहीं जाकर उनके मन की जिज्ञाषा शांत हुई .वे कोई और नहीं जन जन के आदर्श स्वामी विवेकनद ही थे .

उनके जीवन का एक वृतांत और मुझे याद आ रहा है जो कभी मेरे गुरूजी ने मुझे सुनाया था उसे भी आप लोगों से बांटता हूँ .स्वामी विवेकानंद हमेशा सादगी में जीवन जीना पसंद करते थे वे किसी भी महिला को बुरी नज़र से नहीं देखा करते थे , एक दिन उनके पड़ोसी के यहाँ कोई लड़की आई और स्वामी जी की नज़रें उस पर पड़ गईं और उनके मन में हल्की सी हलचल पैदा हुई इससे पहले की उनके मन में कोई और ख्याल आता वे अपने रसोई घर में गए और अपनी आँखों में लाल मिर्च डाल ली यह कहते हुए की सारा कुसूर इन्ही आँखों का है न ये देखती और न मेरे मन में कोई बुरा विचार आता.

कुछ ऐसा था स्वामी जी का व्यक्तित्व जो की आज जन जन को यही सन्देश देता है की यदि आपने किसी का कार्य को करने का ठान लिया है तो उसे पूरा करे बगैर रुको मत और सादगी के साथ अपने जीवन को व्यतीत करो कभी किसी की और बुरी नज़र से मत देखो क्योकि बुरे की शुरुआत नज़र से ही होती और अच्छाई मार्ग भी नज़रें ही है.

इसलिए अपनी नज़रों को अच्छे दृश्यों की ओर ले जाये और बुराई से बचाए. 12 जनवरी को स्वामी जी का जन्मदिवस युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन हर युवा को शपथ लेना चाहिए की वह स्वामी जी के सपने "बसुधैव कुटुम्बकम" को पूरा करने का संकल्प ले.स्वामी जी के विचार जन जन तक पहुचाये.

Regards
Ravi Kasana
Manager-Technical
Delhi Transport Corporation
Vill & Po-Jawli,Ghaziabad
Mob-9716016510

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