हे युवा शक्ति जागो-जागो, भारत माँ है अब रही पुकार
एक आग जला लो सीने में ,कुछ सांसों में गर्मी भर लो,
कुछ संकल्प विचारों से अपने मन को निर्भय कर लो |
ये वक़्त नहीं थक कर थम आराम कहीं पर करने का,
ये वक़्त है आंधी तूफां बन दुनिया में आगे बढ़ने का |
स्वार्थ सिद्धि में लिप्त ये नेता भूल चुके हैं जनता को,
लूट रहे हैं हम सबको और भारत माँ की ममता को |
आगे बढ़कर हमको अब सबक इन्हें सिखलाना है,
बहुत सह लिया अब ना सहेंगें इनको ये बतलाना है |
क्या देश था अपना, अब क्या है, और ना जाने क्या होगा,
आओ उतार फेंके हम ,है ओढ़ा भ्रष्टाचार का जो चोगा |
हे युवा शक्ति जागो-जागो, भारत माँ है अब रही पुकार,
काँप उठें ये भ्रष्टाचारी अब कुछ ऐसी भरो हुंकार
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