Friday, September 9, 2011

उजाड़ दिया उस 'भारत की उस उफनती जवानी' को तुने गाँधी ....


उजाड़ दिया उस 'भारत की उस उफनती जवानी' को तुने गाँधी ....
उजाड़ दिया उस 'भारत की उस उफनती जवानी' को तुने गाँधी ....
उजाड़ दिया उस 'भारत की उस उफनती जवानी' को तुने गाँधी ....

आज के सावरकर, आजाद, पाण्डेय,परशुराम, प्रताप, शिवाजी कहाँ सोये हुए है
....... इस नपुंसक शिक्षा-षड्यंत्रों की चादर ओढ़ कर ?
देख रहे भारत को भ्रष्ट होता देख .... पर क्या करें जवाहरुद्दीन की शिक्षा - षड्यंत्रों की मज़बूरी है .....

रावण कंस कहो कब उपदेशो से से माने हैं
सच्चाई को सदा इन्होने मारे ताने हैं
काम सांप का डसना है ,मौके पर डस लेगा..
कुचले बिना काल अपने पंजे में कस लेगा..
मांगे से गरीब को कब मिलती मजदूरी है
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..........


शांति शांति को जपते जपते,हम जड़ हो बैठे,
कोहिनूर सा दुर्लभ हिरा तक भी खो बैठे
खो बैठे कैलाश कबूतर श्वेत उड़ाने में...
अचकन की जेबों पर लाल गुलाब लगाने में..
पर झंडा ऊँचा है ,यदि डंडे की मंजूरी है...
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..........

सोमनाथ का मंदिर टूटा,कहा अहिंसा थी..
शक हूणों ने हमको लुटा,कहा अहिंसा थी..
भिछुणियों की छाती काटी,कहा अहिंसा थी...
लाशों से व्यभिचार किया,क्या वहां अहिंसा थी....
हिंसक पशु के लिए अहिंसा हलवा पुड़ी है...
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..

साधू संत की खातिर हिंसा,भले अधूरी है
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..


बिना शक्ति के भक्ति भावना पंगु अधूरी है
आज बांसुरी नहीं सुदर्शन चक्र जरुरी है
हरी मंडप में जब तक हाहाकार नहीं होगा
शत्रु पक्ष में जब तक भला पार नहीं होगा
गद्दारों का जब तक खुला शिकार नहीं होगा
तब तक माता का सपना साकार नहीं होगा
कौवों को दी जाती नहीं कभी अंगूरी है
आज बांसुरी नहीं सुदर्शन चक्र जरुरी है

साधू संत की खातिर हिंसा,भले अधूरी है
दुष्ट नहीं माने तो हिंसा बहुत जरुरी है..

एक बार फिर से शंकर को शिव शंकर हो जाने तो
एक बार फिर महादेव को प्रलयंकर हो जाने दो
नेत्र तीसरा खुल जाने दो अभयंकर हो जाने दो
राणा सांगा की छाती को राणो में खो जाने तो
एक बार हर घांटी को हल्दी घांटी हो जाने दो...
सारस्वत मोहन

1 comment:

  1. chal dono milke desh ko loot khate hai. Pahle khud loot te hai, phir gharwalo ko bhi lootne ka hunar shikha kar jayenge. Sayad ye hi kanafushi kar raha tha dono..

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