Sunday, September 11, 2011

भविष्य का निर्माता बनेगा या विध्वंसकारक


कूड़े के ढेर से काग़ज़ बीनता बच्चा
पूरा का पूरा हिंदुस्तान की जीती-जागती तस्वीर है
काग़ज़ बीनता बच्चा हमारी वर्तमान व्यवस्था
की पोल खोल रहा है

उसके फटे-चीटे कपड़े देख कर भी हम
स्वच्छ और विकसित होने की कर रहे हैं
घोषनाएँ अगले दशक के अंत तक

उसकी भूख से सटी हुई आँतों और गालों पर
सूखे हुए आँसुओं के निशान से
हम लिख रहे हैं भारत का इतिहास

कूड़े के ढेर से काग़ज़ बीनता बच्चा
बाजार के विरुद्ध एक चीख़ है

हम कर रहे हैं जिस कूड़े के ढेर से घृणा
वही उसका सपना है
भारत का सपना
भारत का भविष्य और कूड़े का ढेर !

कूड़े के ढेर से काग़ज़ बीनता बच्चा
कूड़े के ढेर पर सफ़ेदी की ऊँचाई नाप रहा है अपनी आँखों से
कूड़े के ढेर की खोज में भटकता बच्चा
कोसों नंगे पाँव चलता है पीठ से बोरा लटकाए
बोरे के वज़न में उसके पूरे परिवार की
रोटी की संख्या छिपी है
कहाँ-कहाँ नहीं कूड़े के ढेर से मिलती है
उसे रोटी की गंध !

कूड़े के ढेर से काग़ज़ बीनते बच्चे के बारे में सोचता हूँ
यह हम सब पर निर्भर करता है कि वह
भविष्य का निर्माता बनेगा या विध्वंसकारक

Regards
Ravi Kasana
Manager-Technical
Delhi Transport Corporation
Vill & Po- Jawli,Ghaziabad
Mob-9716016510

1 comment:

  1. yai may roj dekta houn aisey log jo kudey se kuch bin kar khatey huwea aur aakir inko v toh padna achha lagta hoga lekin choro ki pass bidesibank mey paisa jamakarakar dusroo ko faida pahchatey hai likin apney nagrik ki pida samjney ka fursad kaha hai.kasab afjal k leyea crore rupiya karch kartey hai likin aapney nagrik ko kuch nahi kartey dhikkar hai hamarey netao pr

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