Saturday, September 10, 2011

Desh ke Bigadte Haalat


होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!
लुटेरे-बेईमान
राज़ कर रहे,
देश के शुभ-चिन्तक
भूखे मर रहे,
घोड़ा बन कर
देश का रथ
आगे ले जाना था जिनको.....,
''गधे'' बन कर वो ही
इस देश को चर रहे !!
बेटों को बाप से
कुर्सी मिल रही
सौगात में !
होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!
खूब खा लिया
और ना जाने
कितना खायेंगे..,
सोने की चिड़िया को
और कितना
लूटेंगे,लुट्वायेंगे...!!
होंगे कैसे फेसले
जब 'चोर' ही
अदालत चलाएंगे !!
कर्तव्य टाँगे
खूंटी पर,
अधिकार ले लिए
हाथ में !
होना था जिनको
हवालात में !
सत्ता है आज
उनके ही हाथ में !!

2 comments:

  1. हमे ही कुछ कदम ऊठाने होंगे ,

    कुछ बदले से तेवर दिखाने होंगे,

    ऐ मेरे दोस्तों ज़रा नींद से जागो !

    कुच्छ कर्तव्य हमें भी निभाने होंगे...

    वरना,

    ज़मीन बेच देंगे, गगन बेच देंगे,

    नदी, नाले, पर्वत, चमन बेच देंगे,

    अरे! नौजवानों अभी तुम ना संभले,

    तो ये भ्रष्ट नेता वतन बेच देंगे...

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  2. Ek Tha SARDAR.

    Baitha Tha BEKAR,

    Baap Tha LACHAR,
    ...
    Maa Ko Aaya VICHAR,

    Khilaya Usko ACHAR,

    Ho Gaya CHAMATKAR,

    Aaj Wahi Sardar,

    Chalata Hai

    BHARAT SARKAR

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