Saturday, September 10, 2011

Kisaan ki Vyatha


अच्छी फसल की आशा में, बीज बोता है हर एक किसान
बीटी कपास के जाल में फँसकर, छोड़ा है इसने अब बोना धान

इस गरीब के लिए नहीं है देखो, हमारे बैंकों में कोई भी क़र्ज़
साहुकार से लेकर पैसे, करता है पूरे ये अपने सब फ़र्ज़

साहुकार से ही लेता है, हर जरुरत में ये पैसे उधार
रखकर गिरवी जेवर-ज़मीन, नहीं मानता किस्मत से हार

हर साल खरीद के लाता है ये, चमकीले-महंगे विदेशी बीज
खाद और दवाई डालकर, खेतों को देता है पसीने से सींच

देखभाल करता है ये फिर, अपनी फसल की दिन-रात
चाहे सर्दी हो गर्मी हो, या हो चाहे भीषण बरसात

क्या करेगा वो भी जब, नहीं देती है किस्मत ही साथ
मेहनत करने के बाद भी, असफलता ही लगती है हाथ

बीमारीमुक्त बीज में भी जब, लग जाती है ढेरों बीमारी
बेवक्त अकाल के आने से, नष्ट हो जाती है फसलें सारी

फसल ख़राब हो जाने से, कैसे होगी बोलो अब कोई कमाई
घर में भी तो है एक बेटी, हुई है दस दिन पहले ही सगाई

सोचो कैसे भरेंगे पेट, कैसे होगी अब इस बेटी की शादी
फसल के न होने से तो अब, हो गई है उसकी पूरी बर्बादी

साहुकार भी देगा नहीं, अब फिर से उसे पैसे उधार
जेवर तो गए ही है बीवी के, अब देने पड़ेंगे एकड़ चार

ज़मीन और घर की चिंता में, चिता का रह रहकर आता है ध्यान
खेत में डालने की दवाई खाकर, दे देता है वो एक दिन अपनी जान

कितना असहाय हो गया है यारों, सोचो इस देश का किसान
हर आधे घंटे में जो दे रहा है, इसी ज़मीन पे अपनी जान

इसी ज़मीन पे अपनी जान
इसी ज़मीन पे अपनी जान

जय किसान जय जवान.......

regards
Ravi Kasana
Manager-Technical
Delhi Transport Corporation(DTC)
vill & Po- Jawli,Ghaziabad
mob-9716016510

2 comments:

  1. सबका पेट भरने वाला, जीवन देने वाला किसान आज स्वयं भूखा है. वेवस है. गरीब है.. धरा को वसुंधरा बनाने वाला किसान ही सच्चे अर्थो में परोपकारी है.........

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  2. ye such hai ki chota kishaan na peat paal sakta hai na bache na holi bana sakta hai na deewali wo tho bus din raat sochta hi rahta hai ki sayad aagle barus meri maa mujhe darti ka raja kar degi ..............

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