Friday, September 9, 2011

अजमल कसाब का जिहादियों के नाम एक पत्


अजमल कसाब का जिहादियों के नाम एक पत्र
सुमित प्रताप सिंह Thursday July 21, 2011
प्यारे जिहादी भाइयो
सादर विस्फोटस्ते
यहाँ मैं खैरियत से हूँ. आप सब कैसे हैं. अब्बा तालिबान और अलकायदा अम्मी के क्या हाल हैं. गोलीबारी और बम फोड़ने का अभ्यास कैसा चल रहा हैं. जिहाद के नाम पर आज कल रोज कितने काफ़िर हलाल किये जा रहे है. यहाँ जेल में तो ऐसा मुबारक काम करने का मौका ही नहीं मिल पाता है.

अपने हाथों से छुरे से जिन्दा इंसान की गर्दन धीमे -२ कतरने का मजा ही कुछ और होता है. जब वह दर्द से तड़पकर चीखता है और हम सब अपनी खौफनाक हंसी के बीच उस की चीख दबा देते हैं. वाह क्या खूबसूरत नजारा होता था वो भी. खैर समय-२ की बात है. उस दिन जेल में चाउमीन के साथ ठंडा पी रहा था तभी एक चेले ने खुशखबरी सुना डाली कि मुंबई बम -धमाकों से फिर दहल गई.

उसने अपने मोबाइल पर इसका लाइव टेलीकास्ट भी दिखाया. यह पाक खबर सुन और धमाको से तबाह हुए लोगों को देखकर दिल बाग़-२ हो गया. खून से लथपथ लोगों को देखकर मन कर रहा था कि काश उनका खून पीने का मौका मिल पाता या उनके लोथड़ो में से एक दो मांस की बोटियाँ खाने को मिल जाती तो मजा ही आ जाता. आप सब यूंही भारत को तबाह करने के लिए यहाँ नियम से हमले करते रहें. ऐसा करने के फायदे ही फायदे हैं. अब आप सब पूछेंगे वो कैसे? अमां यार फायदे यूँ हैं कि भारत पर हमला करते हुए अगर मारे गए तो शहीद कहलाओगे. मरने के बाद सीधे जन्नत मिलेगी और जन्नत में भोगने के लिए 72 हूरें. हूरों का नाम आते ही मुंह से लार टपकने लगी न.

अच्छा अगर भारत पर हमले के दौरान पकडे भी गए तो भी सुभान अल्लाह मजे ही मजे. यहाँ की जेलों में जमकर ऐश करोगे. दस-पंद्रह साल तो मुक़दमे में ही लग जायेंगे और सज़ा हुई तो अगले दस-पंद्रह साल इसी सोच-विचार में कि सज़ा की तामील की जाए या नहीं. उस दिन अफजल भाई जान से फोन पर बात हुई थी. पहले तो उन्होंने दो-चार मोहब्बत के शेर सुनाये और मेरे हाल-चाल पूछे फिर हँसते हुए कहने लगे, "अजमल मियाँ जितना चाहे ऐश करलो. ऐसा मौका बड़े खुशनसीबों को मिलता है. शुक्र मनाओ कि भारत की जेल में हो वर्ना कहीं अमरीका जैसे देशों की जेल में होते तो अभी तक अल्लाह को प्यारे हो गए होते." उनकी बात ए.के.-47 रायफल की तरह मजबूत और टिकाऊ लगी. यहाँ की जेल में हम किसी कैदी की तरह नहीं बल्कि घर जंवाई की भांति रह रहे हैं. हमारी हर सुख सुविधा का ख्याल रखा जाता है. अब आप सब सोचेगे कि ऐसा क्यों? तो भाई जान यह सब वोट बैंक की कृपा समझो. अगर इस वोट बैंक का खौफ न होता तो हमारी गर्दनें जाने कब की फांसी के फंदों से नाप गईं होतीं. लेकिन भला हो इस वोट बैंक नीति का जो हम सब इतने कुकर्म करके भी जेल में खा-खाकर मुस्तंडे हो रहे हैं.

चचा जान ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में रहे इसी लिए इतनी जल्दी लद गए. अगर वह भारत में होते तो मजे मारते और शायद किसी चुनाव जीत कर यहाँ सत्ता सुख भी भोग पाते. यहाँ के नेताओं का ईमान तौबा-२. इनसे अधिक ईमानवाली तो यहाँ की कोठेवाली होती है. जरूरत पड़ने पर ये अपनी माँ, बहन, बेटी और बहु को भी बेचने के लिए तैयार रहते हैं तो इनके लिए हिन्दुस्तान की क्या अहमियत है. जब तक ऐसे महान नेता इस देश में मौजूद हैं तब तक हम जैसों की चांदी ही चांदी है. अब आप सबसे इजाज़त चाहूंगा क्योंकि अब अपने डिनर का वक़्त हो गया है और अपने चेले भुना मुर्गा और ठंडी बीयर लेकर सामने खड़े हैं. आप सभी से उम्मीद है कि यूं ही वक़्त-बेवक्त बम विस्फोट कर हिन्दुस्तान के घाव हरे करते रहेंगे.
वक़्त आने पर आपसे मुलाक़ात होगी.
आपका जिहादी भाई
अजमल कसाब

1 comment:

  1. To: Prime Minister of India.....
    I don's ask you to hang Ajmal Kasaab.....I Just request Govt. of India to Protect us in same way as you have protected him..

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